Hajj Ka Tarika हज करने का तरीका सिखने से पहले या हज करने से पहले जान ले कुछ खास और जरुरी इस्लाही बाते जो हर एक मोमिन के लिए जरुरी हैं
Hajj Ka Tarika हज के तरीका की कुछ इस्लाही जरुरी बाते
Hajj Ka Tarika हज करने का तरीका सिखने से पहले या हज करने से पहले जान ले कुछ खास और जरुरी इस्लाही बाते जो हर एक मोमिन के लिए जरुरी हैं
हेल्थ सर्टीफ़िकेट के जरुरी बाते, जो हज के तरीके Hajj KaTa rika में से एक बात
कानून के मुताबिक़तमाम सफ़री कागजात बहुत पहले से तय्यार करवा लीजिये , म - सलन " हेल्थ सर्टीफ़िकेट " येह आप को हाजी Haji केम्प में गरदन तोड़ बुख़ार का टीका लगवाने और " पोलियो वेक्सिन " के कतरे पिलाए जाने के बाद मिलेगा अगर इस में किसी किस्म की कमी हुई तो आप को जहाज़ पर सुवार होने से रोका जा सकता है या जद्दा शरीफ़ के मतार पर भी रुकावट पेश आ सकती है
हिफ़ाज़ती टीका रवानगी से सिर्फ दो चार रोज़ क़ब्ल लगवाना ख़ास फ़ाएदा मन्द नहीं , 15 दिन क़ब्ल लगवा लेना बेहद मुफीद रहेगा वरना मुबारक सफ़र की गहमा गहमी में खतरनाक बल्कि जान लेवा बीमारी का ख़तरा रहेगा ,
नीज़ कानूनन लाज़िमी न सही मगर फ्लू और हेपाटाइटिस के टीके भी लगवा लेना आप के लिये बहुत बेहतर है इन तिब्बी कारवाइयों को बोझ मत समझिये इस में आप का अपना भला है
अक्सर ट्रेवल एजन्ट या कारवान वाले बिगैर किसी तिब्बी कारवाई के घर बैठे ही हेल्थ सर्टीफ़िकेट फ़राहम कर देते हैं , जो कि आप की सिहहत के लिये नुक्सान देह होने के साथ साथ धोका हराम और जहन्नम में ले जाने वाला काम है । ट्रेवल एजन्ट , कस्दन दस्त - ख़त करने वाला डॉक्टर और जान बूझ कर गलत सर्टीफ़िकेट ले कर इस्ति'माल करने वाला हाजी Haji ( या मो'तमिर ) सभी गुनहगार और अज़ाबे नार के हकदार हैं , जिन्हों ने इस तरह के काम किये हों वोह सब सच्ची तौबा करें ।
हवाई जहाज़ वाले कब एहराम बांधे ? - जो हज के तरीके Hajj Ka Tarika में से एक बात
हवाई जहाज़ से बाबुल मदीना कराची ता जद्दा शरीफ़ तकरीबन चार घन्टे का सफ़र है ( दुन्या में से कहीं से भी सफ़र करें ) दौराने परवाज़ मीकात का पता नहीं चलता , लिहाज़ा अपने घर से तय्यारी कर के चलिये , अगर वक्ते मरूह न हो तो एहराम Ihram के नफ्ल भी घर पर ही पढ़ लीजिये और एहराम Ihram की चादरें भी घर ही से पहन लीजिये , अलबत्ता घर ।
एहराम की निय्यत न कीजिये , तय्यारे में निय्यत कर लीजियेगा क्यूं कि निय्यत करने के बा'द लब्बैक पढ़ने से आप " मोहरिम " हो जाएंगे और पाबन्दियां शुरू हो जाएंगी और हो सकता है कि किसी वजह से परवाज़ में ताख़ीर हो जाए । “ मोहरिम " एरपोर्ट पर खुश्बूदार फूलों के गजरे भी नहीं पहन सकता ।
इस लिये पाकिस्तान से सफर करने वाले यूं भी कर सकते हैं कि एहराम Ihram की चादरों में मल्बूस या रोज़ मर्रा के लिबास ही में तशरीफ़ लाएं । हवाई अड्डे पर भी हम्माम , वुजूखाना और जाए नमाज़ का एहतिमाम होता है , यहीं एहराम की तरकीब फ़रमा लीजिये मगर आसानी इस में है कि जब तय्यारा फ़ज़ा में हमवार हो जाए उस वक्त निय्यत व लब्बैक की तरकीब कीजिये ।
हां जो इल्म रखते और एहराम की पाबन्दियां निभा सकते हों वोह जितनी जल्दी “ मोहरिम " हो जाएंगे उन्हें एहराम Ihram का सवाब मिलना शुरू हो जाएगा ( निय्यत और मीकात वगैरा की तफ्सील आगे आ रही है )
जहाज़ का खुश्बूदार टिशू पेपर : जो हज के तरीके Hajj Ka Tarika में से एक बात
ख़बरदार ! तय्यारों में अक्सर सेंट से तर बतर टिशू पेपर का छोटा सा पेकिट दिया जाता है , एहराम वाला उसे हरगिज़ न खोले , अगर हाथ पर खुश्बू की ज़ियादा तरी लग गई तो दम वाजिब हो जाएगा , कम लगी तो स - दका , अगर तरी न लगी हाथ सिर्फ खुश्बूदार हो गए तो कुछ नहीं ।
जद्दा शरीफ़ ता मक्कए मुअज्जमा : जो हज के तरीके Hajj Ka Tarika में से एक बात
जद्दा शरीफ़ के हवाई अड्डे पर पहुंच कर अपना दस्ती सामान लिये लब्बैक पढ़ते हुए धड़क्ते दिल से जहाज़ से उतरिये और कस्टम शेड से मुत्तसिल काउन्टर पर अपना पासपोर्ट और हेल्थ सर्टीफ़िकेट चेक करवा कर शेड में जम्अ शुदा सामान में से अपना सामान शनाख्त कर के अला - हदा कर लीजिये , कस्टम वगैरा से फ़रागत और बस की रवानगी की कारवाई में तकरीबन 6 ता 8 घन्टे सर्फ हो सकते हैं ।
खूब सब्र व हिम्मत से काम लीजिये । जद्दा शरीफ़ के हज Hajj टर्मीनल से मक्कए मुकर्रमा का फ़ासिला तकरीबन एक या डेढ़ घन्ट में तै हो सकता है मगर गाड़ियों के रश और कानूनी कारवाइयों के सबब कई किस्म की परेशानियां दरपेश आ सकती हैं , (Hajj Ka Tarika) बस वगैरा का भी इन्तिज़ार करना पड़ता है ,
हर मौक़अ पर सब्रो रिज़ा के पैकर बन कर लब्बैक पढ़ते रहिये । गुस्से में आ कर मुन्तज़िमीन के मु - तअल्लिक बड़बड़ और शोरो गुल करने से मसाइल हल होने के बजाए मजीद उलझने , सब्र का सवाब बरबाद होने और . ईज़ाए मुस्लिम , गीबतों , इल्ज़ाम तराशियों और बद गुमानियों वगैरा गुनाहों में फंसने की सूरतें पैदा हो सकती हैं ।
एक चुप सो 100 सुख । रवानगी की तरकीब बन जाने पर मअ सामान अपने मुअल्लिम की बस में लब्बैक पढ़ते हुए मक्कए मुअज्जमा ; की तरफ रवाना हो जाइये ।
मदीने की परवाज़ वालों का एहराम : जो हज के तरीके Hajj Ka Tarika में से एक बात
जिन की वतन से बराहे रास्त मदीनए मुनव्वरह की परवाज़ हो उन को येह सफ़र बिगैर एहराम करना है , मदीना शरीफ़ से जब मक्कए मुकर्रमा की तरफ़ आने लगें उस वक्त मस्जिदुन्न - बविय्यिश्शरीफ़ से या जुल हुलैफ़ा ( अब्यारे अली ) से एहराम की निय्यत कीजिये ।
Hajj Ka Tarika
मुअल्लिम की तरफ़ से सुवारी : जो हज के तरीके Hajj Ka Tarika में से एक बात
जद्दा शरीफ़ से मक्कए मुकर्रमा , मदीनए मुनव्वरह , मिना , अ - रफ़ात , मुदलिफ़ा और वापसी में फिर मक्का शरीफ़ से जद्दा शरीफ़ तक पहुंचाना नीज़ अपने वतन से बराहे रास्त मदीनए मुनव्वरह की परवाज़ वालों को भी येही सहूलतें देना मुअल्लिम के ज़िम्मे है
और इस की फ़ीस आप से पहले ही वुसूल की जा चुकी है । जब आप पहली बार मक्का शरीफ़ मुअल्लिम के दफ़्तर पर उतरेंगे उस वक्त का खाना और अ - रफ़ात शरीफ़ में दो पहर का खाना भी मुअल्लिम के जिम्मे है ।
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