इस artilce में अब्दुल क़ादिर जिलानी Gaus E Paak Ki Fatiha Ka Tarika, गॉस पाक 11vi की फातिहा In HIndi, gyarvi sharif fhatiha ki vidhi Roman Hindi
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Gaus Pak Ki Fatiha Ka Tarika - अछि-अछि नियत के साथ सुन्नतो भरा वज़ू करे। वज़ू करने के बाद साफ़ जगह पर काबा तुला के तरफ रुख (मुँह) करके बैठ जाए।
वज़ू करने के लिए क़िबला रू (काबा शरीफ के तरफ मुंह करके) बैठे जिस चीज़ पर फ़ातिहा देना हो उसे सामने रख ले साथ ही एक गिलास भर पानी भी रख ले।
मसलन 11 वि शरीफ की नॉयज या जो मीठा बनाया हैं उसे सामने रख ले।
मसला : नियाज़ में जितना बनाया गया हैं उसमे से एक प्लेट (यानि थोड़ा सा निकलकर ) सामने फातिहा Gaus Pak Ki Fatiha के लिए रख ले।
सामने रखना सिरफ मुबा और जायज है। आगर वो चीज ढकी (पैक) है तो खोल (ओपन कर) ले और लूबन अगरबत्ती सुलगाये (अगर मौजूद हो तो)
मसला : जलती हुई अगरबत्ती और लुभान को फातिहा में रखे हुए खानो से दूर रखे।
इसे भी देखे :
- गौस पाक की अज़ीम करामात।
- गौस पाक की फातिहा का तरीका।
- शजरा ऐ क़ादरिया हिंदी में।
- गौस पाक की करामात इन हिंदी।
- क़सीदा ऐ गौसिया हिंदी में।
- हज़रात गौस पाक की करामात बेशुमार।
गौस पाक की 11 Vi Sharif की फातिहा तरीका Gaus Pak Ki Fatiha Ka Tarika
Gaus Pak Ki Fatiha Ka Tarika में सबसे पहले 11 बार दरूद शरीफ पढ़कर पंज (पाँच) कुरानी आयत शरीफ की तिलवत करे या जितना ज्यादा करे।
मसला : दरूद शरीफ आप 11 से ज्यादा बार भी पढ़ सकते हैं जितना ज्यादा पढ़ाई उतना ज्यादा सवाब गॉस पाक की बारगाह में पेश होगा।
11 बार दुरूद शरीफ ( या उससे ज्यादा )
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" अल्लाहुम्मा सल ली अला सैय्यदीना मुहम्मदीव व आला आ-ली सैय्यदीना मुहम्मदीव व असहाबी व बारिक व सल्लिम या सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम। "
सूरह अल-काफिरून
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बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
1.कुल या अय्युहल काफिरून
2.ला अ अबुदु मा ताबुदून
3.वला अन्तुम आ बिदूना मा अ अबुद
4.वला ना आबिदुम मा अबद्तुम
5.वला अन्तुम आबिदूना मा अअ बुद
6.लकुम दीनुकुम वलिय दीन
सूरह अल-इखलास
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बिस्मिल्ला–हिर्रहमा–निर्रहीम
1.कुल हुवल लाहू अहद
2.अल्लाहुस समद
3.लम यलिद वलम यूलद
4.वलम यकूल लहू कुफुवन अहद
सूरह अल-फलक
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बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
1.कुल अऊजु बिरब्बिल फलक
2.मिन शररि मा ख़लक़
3.वमिन शररि ग़ासिकिन इज़ा वकब
4.वमिन शररिन नफ़ फ़ासाति फ़िल उक़द
5.वमिन शररि हासिदिन इज़ा हसद
सूरह अल-नास
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बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
1.कुल आउज़ू बी रब्बिन्नास
2.मलिकिन- नास
3.इलाहिन- नास
4.मिन शर्रिल वास्वसिल खन्नास
5.अल- लजी युवास्विसू फी सुदुरिन्नास
6.मीनल जिन्नती वन्नास
सूरह फातिहा
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बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
1.अल्हम्दुलिल्लहि रब्बिल आलमीन
2.अर रहमा निर रहीम
3.मालिकि यौमिद्दीन
4.इय्याक न अबुदु व इय्याका नस्तईन
5.इहदिनस् सिरातल मुस्तक़ीम
6.सिरातल लज़ीना अन अमता अलय हिम
7.गैरिल मग़दूबी अलय हिम् व लद दाालीन (आमीन)
सूरह बकराह
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बिस्मिल्लाह हिरह्मान निर्हिम
1.अलिफ़-लाम्-मीम्
2.ज़ालिकल्किताबु ला रै-ब फीहि हुदल्-लिलमुत्तकीन
3.अल्लज़ी-न युमिनू-न बिल-गैबि व युकीमूनस्सला-त व मिम्मा रजनाहुम् युन्फिकून
4.वल्लज़ी-न युमिनू-न बिमा उन्जि-ल इलै-क व मा उन्ज़ि-ल मिन् कब्लि-क व बिल्-आखि-रति हुम् यूकिनून
5.उलाइ-क अला हुदम्-मिर्रब्बिहिम् व उलाइ-क हुमुल्-मुफ्लिहून
11 Vi की दुआ का तरीका Gaus Pak Ki Fatiha Ka Dua Ka Tarika
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सबसे पहले हाँथ उठाइये और अल्लाह की बारगाह में दुआ ए अर्ज़ में अपने रब अल्लाह ताला की हम्दो सना ( तारीफ करे ) . जो आप के दिल में अल्लाह के लिए अच्छे अल्फ़ाज़ हैं उसे कह डालिये।
इसके बाद कहिये हे अल्लाह जो कुछ पढ़ा गया (अगर खाना वागिरा है तो इस तरह से भी कहिए) और जो कुछ खाना वगैरह पेश किया गया है उसका सवाब हमारे प्यारे प्यारे आका हज़रत सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बरगाह में नज़र पहूँचा।
सरकार - ए - मदीना सल्लल्लाहु अलैहि वा सल्लम के तवस्सुत (वसीले) से तमाम अम्बिया- ए करम अलैहिमुस सलाम, तमम सहाबा - ए करम अलैहिमुस रिजवान, तमम औलिया ए एज़ाम रहीमुल्लाहुस्सलाम की बारगाह में नज़र अता फरमा ।
सरकार - ए - मदीना सल्लल्लाहु अलैहि वा सल्लम के तवसुत (वसीले) से सैयदुना आदम सफीउल्लाह आला नबियना वा अलैहिस्सलातु वसल्लम से ले कर अब तक जितने इन्सान वा जिन्नत मुसल्मान हुए और कियामत तक होंगे सब को पंहुचा।
या अल्लाह इस फातिहा का सवाब (जो सामने रखा है खाने का नाम ले कर) हज़रात गॉस पाक Gaus Pak शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह की बारगाह में अता फरमा।
( इस फातिहा का सवाब गॉस पाक की वाल्दा वालिद और उनके आल औलाद को अता फरमा )
अब अपने लिए दुआ करे
मसला : अल्लाह के बारगाह में गॉस पाक का वसीला Gaus Pak Ka Wasila रख कर अपने और अपने घर वालो पड़ोसियों, मरहूमों के लिए गिढ़-गिढ़ा कर दुआ करे।
दुआ ख़तम होने के बाद आप ने दरूद शरीफ पढ़ना हैं, शुरू में 11 (या उससे ज्यादा) बार पढ़े थे उतने बाद आखिर में दरूद पढ़ना हैं लीजिये आप की गॉस पाक की फातिहा Gaus Pak Ki Fatiha Ka Tarika मुकम्मल हुई. माशाल्लाह ...