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Rajab Kunde Ki Fatiha In Hindi : Kunde Ki Niyaz रजब की 22 Date के बजाये 15 Date को करना चाहिए, क्यू की इमाम जफ़र सादिक़ का विसाल Rajab की 15 डेट को हुआ था.
रजब की 22 date को सहाबी इ रसूल हज़रात अमीर मुआविया का इन्तिक़ाल हुआ था और इस 22 date को राफ्ज़ी (शिया) अमीर मुआविआ के विसाल की ख़ुशी में ईद मानते हैं।
लिहाज़ा सुन्नी हज़रात शिया की मुवफ़्क़त में 22 तारीख को हर गिज़ हर गिज़ Kunde Ki Fatiha Niyaz ना करें बल्कि 15 Rajab को ही करें के येह Imam Jafar Sadiq के विसाल की तारीख हैं.
(फतवा फ़क़ीह ए मिल्लत 2/265,266)
Rajab के Kunde Ki Fatiha Dene Ka Tarika In Hindi
- तरीक़ ए रजब के कुंडे की फ़ातिहा
- दुरुद शरीफ़ - एक बार ।
- क़ुलया अय्युहल काफ़िरून - एक बार ।
- क़ुलहुवल्लाहु अहद - तीन बार ।
- क़ुल अऊज़ो बिरव्विल फ़लक़ - एक बार ।
- क़ुल अऊज़ो विरब्विन्नास - एक बार ।
- अल्हमदो शरीफ़ - एक बार ।
- अलिफ़ लाम मीम मुफ़लिहून तक - एक बार ।
- वइलाहुकुम ( अगर याद हो ) - एक बार ।
क़ुरानी आयते पढ़ने के बाद यह दुआ करे।
पढ़ कर इस तरह दुआ करें ।
या अल्लाह या रहमान या रहीम जो कुछ क़ुरआन अज़ीम की तिलावत की गयी दुरूद शरीफ़ वग़ैरह पढ़ा गया और जो कुछ शीरीनी नियाज़ वगैरह मौजूद है
इस सबका सहीह सहीह तिलावत और तय्यब व ताहिर नियाज़ का सवाब आक़ा ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बारगाहे नाज़ में पेश करते हैं
तू अपने फ़ज़्ल व करम से क़ुबूल फ़रमा बादहू जुमला अम्बिया अलैहिमुस्सलाम , सहाब ए किराम , ताबईन , तब ताबईन तेरी बारगाह के सारे मक़बूल वन्दों और बन्दियों की अरवाहे पाक को इस का सवाव पेश करते हैं
क़ुबूलियत अता फ़रमा मख़्सूस तौर पर तेरे महबूब जनाबे मुहम्मर्दु रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के सदके हज़रत इमाम जअफ़र सादिक रज़ियल्लाहु अन्हु की रूह को सवाब अता फ़रमा और आप के जुगलह अहले खाना और मुहिब्बीन और मुतवरिसलीन की अरवाह को इस का सवाब अता फ़रमा ,
या अल्लाह अपने उन तमाम महबूब बन्दों के सदक़ में बिल खुसूस हज़रत इमाम जअफ़र सादिक रज़ियल्लाहु अन्हु के वसीले से हम सब की ख़ताओं को मआफ़ फ़रमा ,
जालिमों के जुल्म से हमारी हिफ़ाज़त फ़रमा , शैतान के मवर व फ़रेब से महफूज फ़रमा , हमैं अपने माँ बाप की खिदमत करने की तौफ़ीक़ अता फ़रमा ,
और जिन जिन के वालिदैन इन्ततिकाल कर चुके हैं उनकी मग़फ़िरत फ़रमा , या अल्लाह हमारी क़ौम की औरतों को इसलामी मुआशिरह इसलामी माहौल में ज़िन्दगी गुज़ारने की तौफ़ीक़ अता फ़रमा ,
नमाज़ पढ़ने की तौफ़ीक़ अता फ़रमा , बीमारों को शिफ़ा अता फ़रमा , बे औलाद माँ बहनों को नेक सॉलेह फ़रज़न्द अता फ़रमा ,
इलाही हम सब को सच्ची तौबा की तौफ़ीक़ अता फ़रमा या अल्लाह हम सब के जान व माल , इज़्ज़त व आबरू की हिफ़ाज़त फ़रमा ,
हमारी दुआओं को क़ुबूल फ़रमा , हम सब का ख़ातिमह ईमान पर नसीब फ़रमा या अल्लाह जाइज़ तमन्नायें पूरी फ़रमा ,
तमाम आफ़ात व मुसीबत से महफूज फ़रमा , हम सब के घर में खैरो बरकत नाजिल फ़रमा ।
वसल्लल्लाहु तआला अला हबीबिहिल करीम वअला अलिही व असहाबिही अजमईन बिरहममितका या अरहमर्राहिमीन । 1
Rajab Kunde Ki Fatiha की जरुरी मालूमात Hindi Main
Kunde Ki Fatiha किसी भी चीज़ पर दी जा सकती हैं
Kunde Ki Niyaz के लिए खीर पूरी ज़रूरी नहीं बल्कि किसी भी पाक और हलाल चीज़ पर हो सकती हैं। नियाज़ के लिए मीठा ज़रूरी नहीं नमकीन खाने पर भी नियाज़ हो सकती हैं।
इस दिन गोश्त और कोई भी नमकीन खाना पकाना जैज़ हैं कुछ लोग गोश पकाने को नाजाइज़ समझते हैं वह गलत हैं.
Kunde Ki Niyaz किस जगह पर खा सकते हैं ?
नियाज़ एक जगह बैठ कर खाना ज़रूरी नहीं बल्कि कही भी अच्छी जगह बैठ कर खा सकते हैं
Kunde Ki Niyaz कौनसे बर्तन में करना चाहिए ?
फातिहा के लिए मिटटी के कूंडे ज़रूरी नहीं बल्कि किसी भी बर्तन में रख कर फातिहा दिला सकते हैं.
नियाज़ के बाद कूंडो को नदी वगैरह में फ़ेंक देना नाजाइज़ व गुनाह हैं के ये माल क जाया करना हैं। कूंडे अपने किसी काम में लाएं या किसी ज़रुरत मंद को दे दीजिये।
कूंडे को नदी में छोड़ने का मुरव्वजह तरीकाः बिलकुल गलत, जाहिलाना और हिन्दुआना हैं इस से बचना लाज़िम हैं।
यह सब रस्मे और इस जैसी बहुत सी रस्में और बिदअतें औरतों की मन घडत हैं दीन व इस्लाम से उनका कोई ताल्लुक़ नहीं हैं।
मुसलमानो पर लाज़िम हैं के वह ऐसी रस्मो को बिलकुल छोड़ दें।
Kunde Ki Fatiha के मसले मसाइल In Hindi
हज़रत इमाम जफ़र सादिक़ रदीअल्लाहु अन्हु की विसाल की तारिख इख़्तेलाफ़ हैं, किसी ने 15 रजब लिखी हैं तो किसी ने 16 रजब तो किसी ने 22 रजब उल मुरज्जब लिखी हैं
बहरहाल, जब भी Imam Jafar Sadiq के नाम से Kunde Ki Niyaz दी जाए। हो जाएंगी इंशाअल्लाह ताला, इसे कुंडे की फातिहा भी कहा जाता हैं
Kunde Ki Fatiha किन चीजों पर देना चाहिए हैं ?
Kunde Ki Niyaz में हलाल चीज़ बना कर कर या लेकर फातिहा दी जा सकती हैं, ज़रूरी नहीं की गूजे खीर ही बनाया जाए।
बिरयानी, दही, मछली, गोश्त, कलेजी, चने, जलेबी गरज़ की हर हलाल चीज़ पेश की जा सकती हैं।
गूजे पूरी भी बिलकुल जाएज़ हैं कोई ये कहे की कुंडे में गोश्त नहीं बना सकते तो गलत कहता हैं। गोश्त बिलकुल पका के खा और खिला सकते हैं
नियाज़ का खाना दिन रात शाम दोपहर किसी भी वक़्त खिलाया जा सकता हैं हर सुन्नी मुस्लमान मर्द और औरत बच्चे को खिला सकते हैं
Kunde Ki Fatiha जिसने एक बार किया हर साल करना जरुरी हैं ?
Kunde Ki Fatiha एक साल की तो हर साल करना फ़र्ज़ या वाज़िब नहीं लेकिन हसब ऐ इस्तितात हर साल हर बुज़ुर्ग की फातिहा करनी चाहिए किसी साल किसी जाएज़ वजह से फातिहा न भी करवाए तो कोई हर्ज़ नहीं।
लेकिन न कर पाए तो ये सोचना की अब Imam Jafar Sadiq रद्दी अल्लाहु अन्हु मुझसे नाराज़ हो जाएंगे और मेरे घर पर मुसीबतें मुश्किल आ जाएंगी। ऐसा सोचना हराम हैं मअज़ल्लाह
ऐसा अक़ीदा अहले सुन्नत का नहीं हर साल नियाज़ में जो खाना पकाया खिलाया वही खाना हर साल पकाना खिलाना ज़रूरी नहीं।
हर साल नियाज़ में जो खाना पकाया खिलाया वही खाना हर साल पकाना खिलाना ज़रूरी नहीं।
कुंडे के पूरी खीर घर के किसी एक कर्मरे में ही खिलाया जाए दूसरे कमरे में नहीं लेजा सकते या घर के बहार नहीं ले जा सकते ये सब वाहियात ख़याला हैं
फातिहा का खाना किसी भी वक़्त खा सकते हैं ?
कुंडे सुबह फजर से मगरिब तक ही खिला सकते हैं खाना खिलने के बजाए दफ़न करना ये सारि बाते हराम हराम हैं, बचे हुए खाने को या गूजे पूरी खीर को लोगो में तकसीम करना बिलकुल जाएज़ बक्ली सवाब का मुस्तहिक़ हैं सवाब का काम हैं
दिन या रात किसी भी वक़्त तकसीम कर सकते हैं
क्या फातिहा का खाना है (पीरियड) में औरतें पका खा सकती हैं?
ऐसा कोई मसला नहीं कुंडे या दूसरी नियाज़ का खाना हैज़ यानि पीरियड से रहने वाली औरत बना भी सकती हैं और खा भी सकती हैं कोई हर्ज़ नहीं हैं
ये हिन्दू का तरीका हैं की हैज़ वाली औरत को किचन में तक नहीं आने दिया जाता हैं इस बार तमाम सुन्नी भाइयों के घर में कुंडे की फातिहा होनी चाहिए
घर का बना खाना हो या सिर्फ हलवा या चाहे 1 गिलास पानी हो इस पर फातिहा पढ़ें और ज़रूर करें। कोई ज़रूरी नहीं की जिसके घर पहले से होती आयी उसी के घर Kunde Ki Fatiha हो बल्कि हर कोई Niyaz कर सकता हैं