इस लेख में Eid Ul Adha Ki Namaz और Niyat ka Tarika In HIndi 2022 में बताया हैं ईद उल अज़्हा की नमाज का तरीका में rakat, aurto, farz hai ya wajib
अस्सलामु अलैकुम, क्या आप Eid Ul Adha Ki Namaz ka Tarika 2023 जानना कहते हैं ?
अगर हां, तो हम इस लेख में आप को ईद उल अज़्हा, जिसे Bakra Eid के नाम से जाना जाता हैं, हम इस नमाज़ और Niyat का मुकम्मल तरीका निचे बताए हैं
और Eid Ki Namaz में क्या-क्या पढ़ना हैं वो भी बताए हैं तो इसे आखिर तक पढ़े
और या, महिलाओं को ईद-उल-अधा की नमाज़ कैसे पढ़नी चाहिए?
EId Ul Fitr और Eid Ul Adha के बीच कोई अलग तरीका नहीं है सिर्फ वक़्त बदल जाता हैं और दोनों नमाज़ एक जैसी हैं तो चलिए जानते हैं की ईद उल फ़ित्र की नमाज़ पढ़ने का तरीका Hindi में।
किसी और चीज से पहले, हम ईद उल अजहा की नमाज अदा करेंगे।
ईद की नमाज की रकात - Eid ki Namaz ki Rakat In Hindi 2023
Eid ki Namaz अब वो EId Ul Fitr हो या फिर Eid Ul Adha की दो नमाज़ की Rakat सिर्फ दो Rakat होती हैं।
मगर इन ईद मुबारक की नमाज़ नमाज़ो को पढ़ने का तरीका हर रोज़ पढ़ी जाने वाली नमाज़ो से अलग होता हैं।
इन नमाज़ की नियत भी का तरीका भी और नमाज़ से अलग हैं जो निचे दिया गया हैं
ईद की नमाज़ फ़र्ज़ है या वाजिब - Eid ki Namaz Farz Hai ya Wajib
ईद की नमाज़ दो हैं एक EId Ul Fitr और Eid Ul Adha।
EId Ul Fitr को रमजान की ईद और Eid Ul Adha को बकरा ईद की नमाज़ से जाना जाता हैं और ये दोनों ईद की नमाज़ वाजिब होती हैं।
इन नमाज़ो की नियत में भी हमें दो रकत Wajib कहना पढता हैं।
और ये दोनों नमाज़ दो रकअत होती हैं।
ईद उल अज़्हा की नमाज़ की नियत - Eid Ul Adha Ki Namaz Ki Niyat In Hindi 2022
नियत की मैंने दो रकअत नमाज़, वाजिब ईदुल अज़्हा की ज़ाइद 6 तकबीरों के, वास्ते अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त के, पीछे इस इमाम के, मुंह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ़.
ईद उल अज़्हा की नमाज़ का तरीका - Eid Ul Adha Ki Namaz ka Tarika In Hindi
नियत पढ़ कर या नियत कर करने के बाद, इतना कहकर दोनों हाथ कानों तक ले जाना है और फिर 'अल्लाहु अकबर' कह कर हाथ बाँध ले !
इसके बाद सना पढ़ना हैं , सना के अलफ़ाज़ इस तरह से होंगे
"सुबहाना कल्ला हुम्मा व बिहम्दिका व तबारा कस्मुका व त’आला जद्दुका वला इलाहा गैरुका"
पहली रकअत :
सना को खत्म करने के बाद अपने हाथों को अपने कानों तक उठाएं और अल्लाहु अकबर कहें फिर निचे छोड़ दे ।
फिर, दूसरी बार अपने हाथों को अपने कानों तक उठाएं और अल्लाहु अकबर को दोहराएं फिर निचे छोड़ दे।
तीसरी बार में, अपने हाथों को तीसरी बार उठाएं और अल्लाहु अकबर कहते हुए उन्हें बांध लें।
इमाम की तिलावत करेंगे ! बिना हिले-डुले और चुपचाप इमाम साहब की तिलावत सुनें।
इमाम साहब औज़ू बिल्लाह, बिस्मिल्लाह, और कोई भी सूरा जो इमाम को ठीक लगे वो पड़ेंगे ! इमाम साहब के पीछे पढ़ने वालों को चुप रहना चाहिए, या मुक्तादी।
फिर इमाम साहब के पीछे रकरू और सजदा करें।
दूसरी रकअत :
अब जब दूसरी रकअत के लिये खड़े हो तो, इमाम साहब बिस्मिल्ला और अल्हम्दो शरीफ और कोई सूरा पड़ेंगे, आप को चुप चाप इमाम साहब की तिलवात सुन्ना है।
फिर इमाम साहब अल्लाह हु अकबर कहेंगे तो, अपने हाथों को अपने कानों तक उठाएं और अल्लाहु अकबर कहें फिर निचे छोड़ दे ।
फिर, दूसरी बार अपने हाथों को अपने कानों तक उठाएं और अल्लाहु अकबर को दोहराएं फिर निचे छोड़ दे।
तीसरी बार में, अपने हाथों को तीसरी बार उठाएं और अल्लाहु अकबर कहते हुए निचे छोड़ दे।
चौथी बार, इमाम साहब 'अल्लाह हु अकबर' कहे तो बिना हाथ उठाए रुकू में चले जाए।
फिर हर नमाज़ जैसी पढ़ते हैं वैसी पढ़े,
इमाम साहब के पीछे दो बार रुकू करे, फिर दो बार सजदे करे और कायदे में अतियातो, दरूद इब्राहिम पढ़े और इमाम जब सलाम फेरे तो आप भी सलाम फेर ले.
माशाअल्लाह आप की नमाज़ मुकम्मल हुई, और आप को ईद उल अज़हा मुबारक हो।
औरतो की ईद उल फ़ित्र की नमाज़ - Aurto Ki Eid Ul Fitr Ki Namaz Ka Tarika
ईद की नमाज वाजिब है, इसलिए औरतो पर ईद की नमाज़ वाज़िब नहीं होती हैं, लिहाजा औरतो को ईद की नमाज़ नहीं पढ़नी चाहिए ।
इसके अलावा औरतो को घर पर नफ़्ल की नमाज़ अदा करनी चाहिए, जैसे कि शुक्राना नफ़्ल या चास्त की दो रकअत।
ध्यान रहे कि ईद की नमाज से पहले नफ्ल की नमाज न हो।
घर की महिलाओं को तब तक नफ्ल या चास्त की नमाज़ अदा करने की इजाजत नहीं है जब तक कि घर के मर्द अपनी ईद की नमाज़ पूरी नहीं कर लेते।
महिलाओं, बेहद बुजुर्ग पुरुषों, बीमार लोगों और विकलांग लोगों के लिए ईद की नमाज़ वाजिब नहीं है।
Eid ul Fitr ki Namaz पर जरुरी जानकरी
यानी जो हर वक़्त की नमाज की तरह ही नमाज अदा करनी चाहिए। पहली तकबीर को कहते हुए, पहली रकअत में हाथ बांधकर पढ़ी जाएगी।
फिर सना को पढ़ने करने के बाद (तीन तकबीर होंगे), अल्लाहु अकबर कहते हुए दो बार अपना हाथ उठाना चाहिए, और फिर तीसरी बार अल्लाहु अकबर कहते हुए अपना हाथ ऊपर उठाना हैं और बांधना चाहिए।
इसी तरह दूसरी रकअत में सूरह फ़ातिहा के बाद और दूसरी सूरह पढ़ने केन बाद में अपना हाथ उठाएँ और अल्लाहु अकबर तीन बार कहते हुए तीनो बार हाथ जो निचे छोड़ देना हैं । और चौथी बार इमाम साहब अल्लाहु अकबर कह कर रुकू में चले जाएंगे तो आप को भी रुकू में करना हैं
वे इसे अन्य नमाज़ों की तरह इमाम साहब के बाद पूरा करेंगे।
ईद की नमाज खत्म होने के बाद इमाम साहब द्वारा खुतबा को पढ़ा जाएगा। यह ईद के ख़ुत्बे को धेयान से सुन्ना है।
जुम्मा खुतबा सुन्ना जरुरी है, जो कि वाजिब है। लेकिन किसी कारन की वजह से ईद खुतबा ना सुनाई दे तो कोई बात नहीं! मगर ईद का खुत्बा सुन्ना अफ़ज़ल है, हालाँकि!
निष्कर्ष :
उम्मीद करते हैं की आप को Eid Ul Adha Ki Namaz Ki Niyat और Namaz Ka Tarika 2022 समाज में आगया होंगे, अगर आप को ईद की नमाज़ के तरीके में कोई प्रश्न हैं तो आप हमें निचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं और इस आर्टिकल को सवाब की नियत से शेयर करे, और दुआओ में याद रखे, अल्लाह हाफिज।
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