Shab E Meraj Ki Namaz Ka Tarika In Hindi शब् ए मेराज की नमाज, kitni rakat, dua e meraj pdf, shab-e-meraj the complete story in arabic lyrics wikipedia
Shab E Meraj Ki Namaz In Hindi: Rajab में एक ऐसी रात है जिसमें इबादत करने वालों के नामए आमाल में सौ बरस के हसनात लिखे जाते हैं वह रजब की सत्ताईवीं रात यानि Shab E Meraj है
इस रात की फजीलत इस वजह से भी ज़्यादा है ऐसी मुबारक Shab में हुजूर फख्रे कायनात صلى الله عليه وسلم ने बुलावे खुदांवदी पर आसमानों पर अरूज फरमाया और मस्जिदे अक्सा में अंबियाए साबिकीन और मलायका मुबीन की इमामत फ़रमाई और Namaz पढाई ।
Meraj E Mustafha मुबारक रात में अहकामे खास आप पर नाज़िल हुए और आप दीदारे खुदावंदी से सरफ़राज़ हुए । जो शख्स ।
Meraj Un Nabi के रात को इबादत करता हैं सआदत मेराज का सवाब उसके नामए आमाल में लिखा जाता है । शवे मेराज शबे रहमत है ।
Meraaj E Mustafha कि रात जो शख़्स इबादत करेगा अल्लाह तआला उसको कामयाब व बा मुराद रखेगा और हर बला व मुसीबत से बचायेगा ।
हुजूर صلى الله عليه وسلم ने इरशाद फरमाया कि Mahe Rajab की सत्ताईसवीं रात को आसमानों से सत्तर हज़ार फ़रिश्ते अपने सिरों पर अनवारे इलाही के तबक़ रखे हुए जमीन पर आते हैं और हर उस घर में दाखिल होते हैं जिसके रहने वाले यादे इलाही में मशगूल रहते हैं
Shab E Meraj Ki 27th Roze Ki Fazilat In Hindi
रबजुल मुरज्जब की सत्ताईसवीं रात बड़ी बा बरकत रात है क्योंकि इसी रात सैयदुल अंबियाए वल मुरसेलीन सलवातुल्लाह अलैहि मेराज शरीफ पर तशरीफ ले गये और दीदारे इलाही की दौलत से मुशर्रफ़ हुए ।
लिहाज़ा सत्ताईसवीं के दिन रोज़ा रखना चाहिये । हुजूर सरापा नूर शाफेअ यौमुल नशूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम صلى الله عليه وسلم का इरशाद है कि जो शख़्स सत्तईसवीं रजब को रोज़ा रखेगा उसको साठ महीनों के रोज़ों का सवाब मिलेगा ।
Shab E Meraj Ki Nafhil Namaz Kitni Rakat, Ka Tarika In Hindi
( 1 ) सत्ताईसवीं रात को दो रकअत नमाज़ नफ़्ल
रजब Rajab की सत्ताईसवीं रात को दो रकअत नमाज़ नफ़्ल पढ़े और हर रकअत में अलहम्द शरीफ के बाद कुलहु वल्लाहु अहद 21 मर्तबा पढ़ें । नमाज़ से फारिग होकर दस मर्तबा दुरूद शरीफ़ पढ़े और फिर कहे

( 2 ) दो रकअत नमाज़
अक्सर सुलहा का तरीका यह है कि बनियते हदिया रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम صلى الله عليه وسلم दो रकअत नमाज़ Namaz अदा करे और हर रकअत में बाद अलहम्द के सूरः इखलास सत्ताईस बार पढ़े कअदा में अत्तहियात के बाद दुरूदे इब्राहीम सत्ताईस बार पढ़कर दुआ पढ़े । बाद सलाम के इसका हदिया हुजूर पुरनूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम صلى الله عليه وسلم की बारगाह में गुज़ारने की सआदत हासिल करे ।
( 3 ) बारह रकअत नमाज़ तीन सलाम से
माहे रजब की सत्ताईसवीं शब, शब् ए मेराज Shab E Meraj Ki Namaz को बारह रकअत नमाज़ Namaz तीन सलाम से पढ़े पहली चार रकअत में बाद सूरः फातेहा के सूरः क़दर तीन तीन मर्तबा हर रकअत में बाद सलाम के सत्तर मर्तबा बैठकर

पढ़े दूसरी चार रकअत में बाद सूर : फातेहा के सूरः नसर तीन तीन मर्तबा हर रकअत में बाद सलाम के बैठ कर सत्तर मर्तबा

पढ़े तीसरी चार रअकत के बाद में सूरः फ़ातिहा के सूरः इखलास तीन तीन मर्तबा हर रकअत बाद सलाम के बैठ कर सत्तर मर्तबा सूर अलम नशरह पढ़े फिर दरगाहे रब्बुल इज्जत दुआ इंशाअल्लाह तआला Allah Tala जो हाजत होगी वह अल्लाह पाक पूरी फरमायेगा ।
( 4 ) सत्ताईसवीं शब को बीस रकअत नमाज़ दस सलाम
माहे रजब की सत्ताईसवीं शब को बीस रकअत नमाज़ Namaz दस सलाम से पढ़े हर रकअत में सूरः फातेहा के बाद सूरः इख़्लास एक मांगे एक दफ़ा पढ़े । जो कोई यह नमाज़ पढ़े तो अल्लाह तआला Allah Tala उसकी जान व माल की हिफाज़त फ़रमायेगा । इंशाअल्लाह तआला ।
( 5 ) सत्ताईसवीं शब यानि शब् ए मेराज को चार रकअत नमाज़ दो सलाम से
सत्ताईसवीं शब यानि शब् ए मेराज Shab E Meraj Ki Namaz को चार रकअत नमाज़ दो सलाम से पढ़े हर रकअत में सूरः फातेहा के बाद सूरः इखलास सत्ताईस सत्ताईस मर्तबा पढ़े बाद सलाम के सत्तर मर्तबा दुरूदे पाक पढ़े और अपने गुनाहों की मग्फ़िरत तलब करे इंशाअल्लाह तआला परवर्दिगारे आलम अपनी रहमते कामिला से इसके गुनाह माफ़ फ़रमाकर इसकी मग्फ़िरत फ़रमायेगा ।
( 6 ) सत्ताईस तारीख़ बाद नमाज़ जुहर चार रकअत नमाज़ एक सलाम से
माहे रजब Rajab की सत्ताईस तारीख़ बाद नमाज़ जुहर चार रकअत नमाज़ एक सलाम से पढ़े पहली रकअत में बाद सूरः फ़ातेहा के सूरः क़द्र तीन तीन मर्तबा दूसरी में बाद सूरः फातेहा के सूरः इलख़ास तीन दफा तीसरी में बाद सूर फातेहा के सूरः फ़लक तीन मर्तबा चौथी में बाद सूरः फातेहा के सूरः नास तीन दफ़ा पढ़े । बाद सलाम के दुरूद पाक एक सौ मर्तबा और इस्तिग़फ़ार एक सौ मर्तबा पढ़े । यह नमाज़ Namaz हर मुराद के लिये इंशाअल्लाह तआला बहुत अफज़ल है ।
Shab E Meraj की Dua और शब् ए मेराज का अमल
( 1 ) : माहे रजब Rajab में पहली तारीख से हर नमाज़ के बाद तीन मर्तबा इस दुआ को पढ़ने की बहुत फजीलत है ।

( 2 ) रजबुल मुरज्जब की पंद्ररह तारीख़ किसी नमाज़ के बाद एक सौ मर्तबा इस्तिगफार पढ़ना बहुत अफज़ल है इस दुआ के पढ़ने वाले की तमाम बुराईयां मिटाकर अल्लाह पाक Allah Tala उसे नेकियों में बदल देगा ।

( 3 ) माहे रजब Rajab की किसी तारीख को नमाजे जुहर मगिरव : ईशा की नमाज़ Namaz के बाद सूरः कहफ , एक बार सूरः यासीन एक बार एक बार सूर दुखान एक बार सूरः मआरिज एक बार पढ़े फिर सूरः इखलास एक हजार मर्तबा पढ़े । अल्लाह पाक इन सूरतों के पढ़ने वाले पर खास रहमत व बरकत अता फ़रमायेगा । सूरः .
Shab E Meraj ki Namaz का तरीका और उसकी नियत और शब् ए बारात नमाज़ Meraj E Mustafha ki Namaz में क्या पढ़ना है वो भी इस पोस्ट में दिया हैं इस पर अमल करे और ज्यादा से ज्यादा और भी लोगो तक पहुंचाए
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