Shab E Meraj Ki Fazilat In Hindi : शब् ए बारात की फ़ज़ीलत हिंदी में, the complete story, namaz kitni rakat, dua, kab hai 2022, 27 rajab importance in is
Shab E Meraj Ki Fazilat In Hindi: माहे रजब में एक रात ऐसी है जो बे शुमार बरकतों , अजमतों और फजीलतों वाली है , इसी रात हमारे प्यारे प्यारे शबे अस्रा के दूल्हा सल्लल्लाहो अलैवसल्लम को मे राज का अजीमुश्शान मो'जिज़ा अता हुवा ।
Shab E Meraj Ki Fazilat और इंकार करना कैसा In Hindi
सुवाल : Shab E Meraj का इन्कार करने वाले के लिये क्या हुक्म है ?
जवाब : सफ़रे मे'राज (Shab E Meraj) के तीन हिस्से हैं :
( 1 ) अस्रा
( 2 ) मेराज
( 3 ) ए'राज या उरूज । हिस्सए अव्वल अस्रा कुरआने पाक की नस्से कई से साबित है । इसलिए पारह 15 सूरतुल अस्रा ( इस को सूरए बनी इसराईल भी कहते हैं ) की इब्तिदाई आयत में इर्शाद होता है
तरजमए कन्जुल ईमान : पाकी है उसे जो रातों रात अपने बन्दे को ले गया मस्जिदे हराम ( खानए का'बा ) से मस्जिदे अक्सा ( बैतुल मुकास ) तक जिस के गिर्दा गिर्द हम ने बरकत रखी कि हम उसे अपनी अज़ीम निशानियां दिखाएं , बेशक वोह सुनता देखता है ।
हज़रते अल्लामा मौलाना सय्यिद मुहम्मद नईमुद्दीन मुरादआबादी फ़रमाते हैं : सत्ताईसवीं रजब (27 Rajab) को में राज हुई ।
मक्कए मुकर्रमा से हुजूरे पुरनूर सल्लल्लाहो अलैवसल्लम का बैतुल मुक़द्दस तक शब के छोटे हिस्से में तशरीफ़ ले जाना नस्से कुरआनी से साबित है ।
इस का मुन्किर ( इन्कार करने वाला ) काफ़िर है और आस्मानों की सैर और मनाज़िले कुर्व में पहुंचना अहादीसे सहीहा मो'तमदा मशहूरा से साबित है जो हद्दे तवातुर के करीब पहुंच गई हैं इस का मुन्किर ( इन्कार करने वाला ) गुमराह है ।
Shab E Meraj हालते बेदारी जिस्म व रूह से हुई
मे'राज शरीफ़ ब हालते बेदारी जिस्म व रूह दोनों के साथ वाकेअ हुई , येही जुम्हूर अहले इस्लाम का अकीदा है और अस्हाबे रसूल सल्लल्लाहो अलैवसल्लम की कसीर जमाअतें और हुजूर सल्लल्लाहो अलैवसल्लम के अजिल्लए अस्हाब इसी के मो'तकिद हैं ।
( खजाइनुल इरफान , स . 525 )
उरूज या ए राज या'नी सरकारे नामदार सल्लल्लाहो अलैवसल्लम के सर की आंखों से दीदारे इलाही करने और फौकुल अर्श ( अर्श से ऊपर ) जाने का मुन्किर ( इन्कार करने वाला ) खाती या'नी ख़ताकार है ।
आला हज़रात का Shab E Meraj Ki Fazilat पर बयान In Hindi
शर्हे कलामे रज़ा : सरकारे आ'ला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खान अपने मशहूर " क़सीदए मे'राजिया " के इस शे'र में फ़रमाते हैं :ऐ मे राजे मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैवसल्लम के सफ़र को अक्ल के तराजू में तोलने वाले ! अपनी अक्ल को कह !
कि वोह इस " अजीमुश्शान मो'जिजे " के सामने अपने सर को झुका ले क्यूं कि अल्लाह पाक के प्यारे नबी , मक्की मदनी , मुहम्मदे अरबी सल्लल्लाहो अलैवसल्लम Shab E Meraj की रात अपने खालिको मालिक के पास “ ला मकां " तशरीफ़ ले गए,
जो कि हमारे गुमान में आ ही नहीं सकता क्यूं कि वोह ऐसा " मकाम " है जहां आगे , पीछे , ऊपर , नीचे , दाएं , बाएं , सब जिहतें ( या'नी सम्तें ) ख़त्म हो गई हैं
बल्कि सम्तें खुद हैरानो परेशान हैं कि हुजूरे पाक सल्लल्लाहो अलैवसल्लम " कहां " तशरीफ़ ले गए हैं ।
Shab E Meraj |
प्यारे आक़ा का Shab E Meraj में Fazilat हासिल करने का अमल In Hindi
1. रजब (Rajab) में एक दिन और रात है जो उस दिन रोज़ा रखे और रात को कियाम ( या'नी इबादत ) करे तो गोया उस ने सो साल के रोजे रखे और वोह सत्ताईस
2. जो रजब (Rajab) के सत्ताईसवें दिन का रोज़ा रखेगा तो अल्लाह पाक (Allah Paak) उस के लिये साठ महीनों के रोज़ों का सवाब लिखेगा ।
3. रजब में एक रात है कि उस में नेक अमल करने वाले के लिये 100 साल की नेकियों का सवाब लिखा जाता है और वोह रजब (Rajab) की सत्ताईसवीं शब है ।
जो इस में 12 रक्अत इस तरह पढ़े कि हर रक्अत में सूरए फ़ातिहा और कोई सी एक सूरत और हर दो रक्अत पर अत्तहिय्यात पढ़े और 12 पूरी होने पर सलाम फेरे , इस के बाद 100 बार
Shab E Meraj |
पढ़े , 100 बार इस्तिफ़ार , 100 बार दुरूद शरीफ़ पढ़े और अपनी दुन्या व आख़िरत से मुतअल्लिक जिस चीज़ की चाहे दुआ मांगे और सुब्ह को रोज़ा रखे तो अल्लाह पाक उस की सब दुआएं कबूल फ़रमाए सिवाए उस दुआ के जो गुनाह के लिये हो।