इस लेख में zibah/Qurbani Karne Ki Dua In Hindi और Roman Urdu, English मैं, और मुर्गा/बकरा/दुंबा जिबह करने की दुआ और क़ुरबानी करने का तरीका की पूरी मालू
क्या आप Qurbani Karne Ki Dua जानना कहते हैं ?
तो आप बिलकुल सही जगह पर आए हैं, इस पोस्ट Qurbani Karne Ki Dua In Hindi, Roman Urud और Englishमें दी गई हैं।
साथ ही हम आप को क़ुरबानी की दुआ के साथ-साथ Zibah Karne Ka Tarika और Qurabi Ke Masial भी बताएंगे। जो हर मोमिन को जानना जरुरी हैं।
तो चलिए जानते हैं जानवर को हलाल तरीके की दुआ, तरीका और मसाइल।
जरुरी जानकारी : यदि आप कोई दुआ या आयत पढ़ते हैं, तो अरबी भाषा में ही दुआ को पढ़ने की कोशिश करें। यहाँ हमने सिर्फ समझने के लिए Janwar Halal Karne Ki Dua Hindi, Urdu और Roman English Mai दी हैं, अगर दुआ में कुछ टाइपिंग में गलती हो तो मुझे माफ़ कर देना।
क़ुरबानी करते समय जानवर को कैसे रखे ?
जानवर को बाईं ओर इस तरह लिटाएं कि जानवर का मुँह क़िबला की तरफ हो। और दाहिने पैर उसके पहलू पर रखते हुए यह दुआ पढ़े –
कुर्बानी करने की दुआ - Qurbani Karne Ki Dua
कुर्बानी करने की दुआ - Qurbani Karne Ki Dua In Hindi
पहले की दुआ :
इन्नी वज्जहतु वजहि य लिल्लज़ी फ़ त रस्मावाति वल अर्दा हनीफँव व् मा अ न मिनल मुशरिकीन इन न सलाती व नुसुकी मह्या य व ममाती लिल्लाहि रब्बिल आलमीन। ला शरी क लहू व बि ज़ालि क उमिरतु व अ न मिनल मुस्लिमीन। अल्लाहुम्मा ल क व मिन क बिस्मिल्लाहि अल्लाहु अकबर।
ऊपर दी गई दुआ पढ़ या पढ़ने के फौरन बाद जानवर की जिबह करे और फिर निचे दी गई दुआ को पढ़े।
बाद की दुआ :
अल्लाहुम्मा तकब्बल मिन्नी कमा तकब्बलता मिन ख़लीलिक इबराहीमा अलैहिस्सलामु व हबीबिक मुहम्मदिन सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम
नोट - अगर कुर्बानी आप के तरफ से है तो मिन्नी और अगर कुर्बानी दूसरे के तरफ से हो तो मिन्नी की जगह मिन फला बोलो! यानी उसका नाम लो!
यानी की, अल्लाहुम्मा तकब्बल मिन ( अब जिसके नाम से क़ुरबी की जा रही हैं 'मिन' के बाद उसका नाम ले ) कमा तकब्बलता मिन ख़लीलिक इबराहीमा अलैहिस्सलामु व हबीबिक मुहम्मदिन सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम !
और अगर जानवर की कुर्बानी मिलबांट कर कर रहे हो मतलब अगर कुछ लोग एक साथ क़ुर्बानी कर रहे हैं - ऊंट, भैंस आदि, तो 'मिन' के बाद सब लोगो का नाम ले, जो इस क़ुरबानी में शरीक हैं
नोट - अगर कुर्बानी के जानवर को अपने आप नहीं क़ुर्बान किया जा सकता है, तो उसे सुन्नी साहिहुल अकीदा से ही जिबह करवाएं! यदि किसी घटिया अकीदे और बेदीन आदि के जरिये यानि वहाबी से कुर्बानी के जानवर को जुबा किया जाता है, तो अल्लाह के बारगाह में क़ुरबी क़ुबूल नहीं होंगी। और वो जानवर का गोश हलाल के जगह झटके का गोष कहलाएंगे।
Qurbani Karne Ki Dua In Roman Urdu/English
Qurbani Ki Pahli Ki Dua :
Inni wahhahtu wajhia lillazi fataras samawaati wl arz haneefa w ma ana minal mushrikeen inna salati w nusuki w mahyaya w mamati lillahi rabbil aalmeen la sharika lahu w bizalika umirtu w ana awwalul muslimeen allahumma la k wa min k bis millahi allahu akbar
Qurbani Ki Baad Ki Dua :
Allahumma taqabbalhu minni kama taqaballta min habibika muhammad sallallahu taala alaihi wasallam
कुर्बानी क्यू किया जाता है ?
कुरान-ए-करीम में दिया है कि कुर्बानी अल्लाह के पैगंबर हज़रत इब्राहिम (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की सुन्नत है।
हज़रत इब्राहिम अलैही असलम ने एक रात एक सपना देखा जिसमें अल्लाह तआला ने उन्हें अपनी सबसे बेशकीमती चीज अपने सबसे करीबी प्यारे को दान करने का आदेश दिया।
जिस व्यक्ति से वह बहुत प्यार करते है, उसे अल्लाह के रास्ते में जिब्हा करना है
जब हज़रत इब्राहिम अलैही सलाम नींद से जागे तो उन्होंने सबसे पहले सोचा, "मेरा सबसे प्यारा और सबसे अज़ीज़ क्या है?"
थोड़ा सोचने के बाद, इब्राहिम अलैही सलाम समझ गए कि उनका इकलौता बेटा, इस्माइल अलैही सलाम , उनका सबसे प्यारा और सबसे अज़ीज़ बेटा था क्योंकि वह उससे बहुत प्यार करते थे ।
इब्राहिम अलैही सलाम के इकलौते बेटे, इस्माइल अलैही असलम की कुर्बानी देने का फैसला अल्लाह ने इस उम्मीद के साथ किया था कि इब्राहिम अलैही सलाम क़ुबूल करेंगे ।
इब्राहिम अलैही सलाम के लिए, यह बहुत बड़ा इम्तेहान का समय था । एक तरफ उन्हें अपने प्यारे बेटे के लिए प्यार था, और दूसरी तरफ, उन्हें अल्लाह का हुकुम था।
हज़रात इस्माइल और दुंबा का वाक़िअ ?
जब हज़रत इब्राहिम अलैही वसल्लम ने अपने प्रिय इस्माइल अलैही वसल्लम को समझाया कि तुम्हें अल्लाह के लिए जिबह करना है,
क्योंकि यह अल्लाह का आदेश है, इस्माइल अलैही सल्लम हस्ते और मुस्कुराते हुए अल्लाह के राह में क़ुर्बान होने के लिए तैयार हो गए ।
जब हज़रत इब्राहिम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम और उनके बेटे इस्माइल अलैही वसल्लम अल्लाह की राह में जिबह करने निकले तो थोड़ी दूर चलने के बाद हज़रत इब्राहिम ने अपने बेटे को क़िबला रुख में लिटाया और उनके गले में छुरी चलाई
तो फिर, अल्लाह तबारक ताअला ने आसमान से एक दुंबा को हज़रात इस्माइल अलैहि सलाम के जगह पर अपने करम से लिटा दिया और छुरी दुंबा के गर्दन पर चल गई ।
अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त ने फरमाया की ऐ इब्राहिम सलाम मई तुम्हारा इम्तेहामैं तुम्हारी परीक्षा लेना चाहता था, अल्लाह तआला ने टिप्पणी की।
और अल्लाह तआला ने इब्राहिम अलैही वा सल्लम को दुम्बा जिभा करने के लिए कहा, इसी तरह हज़रत इब्राहिम अलैही वा सल्लम जिन्होंने अल्लाह के लिए जुनून और प्यार दिखाया,
इसे देखकर, अल्लाह तबारक ताअला ने हर मुसलमान पर कुर्बानी को सुन्नत के क़यामत तक हुकुम दे दिया.
निष्कर्ष
उम्मीद हैं की आप को Qurbani Karne Ki Dua in Hindi और Roman Urdu और English में मालूम और समाज में आगया होंगे अगर क़ुरबानी करने की दुआ पर आप का कोई प्रश्न या की प्रतिक्रिया हो तो आप हमें निचे commnet box में बता सकते हैं
और इस आर्टिकल को सवाब की नियत से हर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर करे, अल्लाह हाफिज.
COMMENTS