namaz ki rakat niyat in hindi नमाज़ की नियत रकत की johar, asar, magrib, isha, fazar rakat par तफ़्सीरी मालूमात, niyat ka tarika
नमाज़ छोड़ने वालो की कोई माफ़ी नहीं, और क़बर और बरोज़े क़यामत में अज़ाब का शिकार होंगे.
आज हमें इस पोस्ट में सवाल - जवाब के तरीके से नमाज़ की नियत (Namaz Ki Niyat) और नमाज़ की रकात (Namaz Ki Rakat) बताया गया हैं आप इसे पढ़े और याद करे और शेयर करे.
नमाज़ की रकात नियत का तरीका (Namaz Ki Rakat Niyat Ka Tarika)
फज़र की नमाज़ की रकात-नियत का तरीका
(Fazar Namaz KI Rakat Niyat Ka Tarika) In Hindi
सवाल: फज़र के वक़्त कितनी रकअत नमाज़ पढ़ी जाती है?
जवाब: फज़र के वक़्त कुल चार रकअत नमाज़ पढ़ी जाती है। पहले दो रकअत सुन्नत, फिर दो रकअत फ़र्ज़।
सवाल: फज़र के वक़्त दो रकअत सुन्नत की नीयत किस तरह की जाती है?
जवाब: फज़र के वक़्त दो रकअत सुन्नत की नीयत इस तरह की जाती है। नीयत की मैंने दो रकअत नमाज़ सुन्नत फज़र की अल्लाह तआला के लिए, सुन्नत रसूल अल्लाह की मुँह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ़ अल्लाहु अकबर।
सवाल: फज़र के वक़्त दो रकअत फ़र्ज़ की नीयत कैसे की जाती है?
जवाब: नीयत की मैंने दो रकअत फ़र्ज़ नमाज़े फज़र की अल्लाह 'तआला के लिए, (अगर मुक़तदी हो तो इतना और कहे पीछे इस इमाम के) मुँह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ़ अल्लाहु अकबर।
तो ये थी फज़र Namaz Ki Rakat Niyat का तरीका In Hindi में।
जुहर की नमाज़ की रकात-नियत का तरीका
(Juhar Namaz KI Rakat Niyat Ka Tarika) In Hindi
सवाल: जुहर के वक़्त कितनी रकअत नमाज़ पढ़ी जाती है?
जवाब: जुहर के वक़्त कुल बारह रकअत नमाज़ पढ़ी जाती है पहले चार रकअत सुत्नत, फिर चार रकअत फ़र्ज़, फिर दो रकअत सुन्नत, 'फिर दो रकअत नफ़्ल।
सवाल: चार रकअत सुन्नत की नीयत किस तरह की जाती है?
जवाब: जुहर के वक़्त चार रकअत सुन्रत की नीयत इस तरह की जाती है नीयत की मैंने चार रकात नमाज़ सुन्नत जोहर की अल्लाह 'तआला के लिए, सुन्नत रसूल अल्लाह की, मुँह मेरा काबा शरीफ़ की 'तरफ़ अल्लाहु अकबर
सवाल: फिर चार रकअत फ़र्ज़ की नीयत कैसे की जाती है?
जवाब: नीयत की मैंने चार रकअत नमाज़ फ़र्ज़ ज़ुहर की अल्लाह 'तआला के लिए (अगर मुक़तदी हो तो इतना और कहे पीछे इस इमाम के) मुँह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ़ अल्लाहु अकबर।
सवाल: फिर दो रकअत सुन्नत की नीयत किस तरह की जाती है?
जवाब: नीयत की मैंने दो रकअत नमाज़ सुन्नत ज़ुहर की अल्लाह 'तआला के लिए, सुन्नत रसूल अल्लाह की, मुँह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ़ अल्लाहु अकबर।
सवाल: फिर दो रकअत नफ़्ल की नीयत कैसे की जाती है?
जवाब: नीयत की मैंने दो रकअत नमाज़ नफ़्ल अल्लाह तआला के लिए, मुँह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ़ अल्लाहु अकबर।
सवाल: क्या नफ़्ल में वक़्त की नीयत नहीं की जाती है?
जवाब: नहीं नफ़्ल में वक़्त की नीयत नहीं की जाती है।.
तो ये था जुहर की Namaz Ki Niyat Ka Tarika.
असर की नमाज़ की रकात-नियत का तरीका
(Asar Namaz KI Rakat Niyat Ka Tarika) In Hindi
सवाल: अस्र के वक़्त कितनी रकअत नमाज़ पढ़ी जाती है?
'जवाब: अस्र के वक़्त कुल आठ रकअत नमाज़ पढ़ी जाती है। पहले चार रकअत सुन्नत फिर चार रकअत फ़र्ज़।
सवाल: अस्र के वक़्त चार रकअत सुन्नत की नीयत किस तरह की जाती है?
जवाब: नीयत की मैंने चार रकअत नमाज़ सुन्नत अस्र की अल्लाह 'तआला के लिए, सुन्नत रसूल अल्लाह की, मुँह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ़ अल्लाहु अकबर।
सवाल: अस्र की चार रकअत फ़र्ज़ की नीयत कैसे की जाती है?
जवाब: नीयत की मैंने चार रकअत नमाज़ फ़र्ज़ अस्र की अल्लाह 'तआला के लिए (अगर मुक़तदी हो तो इतना और कहें पीछे इस इमाम के)मुँह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ़ अल्लाहु अकबर।
तो ये था असर की Niyat Karne Ka Tarika Hindi में।
मगरिब की नमाज़ की रकात-नियत का तरीका
मगरिब की रकात नियत (Magrib Namaz KI Rakat Niyat Ka Tarika) In Hindi
सवाल: मग़रिब के वक़्त कितनी रकअत नमाज़ पढ़ी जाती है?
जवाब: मग़रिब के वक़्त की कुल सात रकअत नमाज़ पढ़ी जाती है। पहले तीन रकअत फ़र्ज़ फिर दो रकअत सुन्नत फिर दो रकअत नफ़्ल।
सवाल: तीन रकअत फ़र्ज़ की नीयत किस तरह की जाती है?
जवाब: नीयत की मैंने तीन रकअत नमाज़ फ़र्ज़ मगरिब की अल्लाह 'तआला के लिए (अगर मुक़तदी हो तो इतना और कहे पीछे इस इमाम के)मुँह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ़ अल्लाहु अकबर।
सवाल: और मग़रिब के वक़्त दो रकअत सुन्नत की नीयत कैसे करे?
जवाब: नीयत की मैंने दो रकअत नमाज़ सुन्नत मग़रिब की अल्लाह 'तआला के लिए, सुन्नत रसूल अल्लाह की, मुँह मेरा काबा कि शरीफ़ की तरफ़ अल्लाहु अकबर।
सवाल: फिर दो रकअत नफ़्ल की नीयत कैसे की जाती है?
जवाब: नीयत की मैंने दो रकअत नमाज़ नफ़्ल अल्लाह तआला के 'लिए मुँह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ़ अल्लाहु अकबर।
तो ये थी मगरिब के Namaz Ki Rakat Ki Niyat का तरीका In Hindi में।
ईशा की नमाज़ की रकात-नियत का तरीका
ईशा की रकात नियत (Isha Namaz KI Rakat Niyat Ka Tarika) In Hindi
सवाल: इशा के वक़्त कितनी रकअत नमाज़ पढ़ी जाती है?
जवाब: इशा के वक़्त कुल सत्तरह रकअत नमाज़ पढ़ी जाती है। पहले चार रकअत सुन्नत, फिर चार रकअत फ़र्ज़, फिर दो रकअत सुन्नत फिर दो रकआत नफ़्ल, उस के बाद तीन रकअत वित्र वाजिब, 'फिर दो रकअत नफ़्ल।
सवाल: इशा के वक़्त चार रकअत सुन्नत की नीयत किस तरह की
जाती है?
जवाब: नीयत की मैंने चार रकअत नमाज़ सुन्नत इशा की अल्लाह 'तआला के लिए सुन्नत रसूल अल्लाह की मुँह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ़ अल्लाहु अकबर।
सवाल: फिर चार रकअत फ़र्ज़ की नीयत कैसे करे?
जवाब: नीयत की मैंने चार रकअत नमाज़ फ़र्ज़ इशा की अल्लाह 'तआला के लिए (अगर मुक़तदी हो तो इतना और कहे पीछे इस इमाम के) मुँह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ़ अल्लाहु अकबर।
सवाल: फिर दो रकअत सुन्नत की नीयत किस तरह की जाती है?
जवाब: नीयत की मैंने दो रकअत नमाज़ सुन्नत इशा की अल्लाह 'तआला के लिए सुन्नत रसूल अल्लाह की मुँह मेरा काबा शरीफ़ की 'तरफ़ अल्लाहु अकबर
सवाल: फिर दो रकअत नफ़्ल की नीयत कैसे करे
जवाब: नीयत की मैंने दो रकअत नमाज़ नफ़्ल अल्लाह तआला के लिए मुँह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ़ अल्लाहु अकबर।
सवाल: फिर वित्र की नीयत किस तरह की जाती है!
जवाब: नीयत की मैंने तीन रकअत नमाज़ वाजिब वित्र की अल्लाह 'तआला के लिए (और अगर रमज़ान के महीना में इमाम के पीछे पढ़ रहा हो तो इतना और कहे पीछे इस इमाम के) मुँह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ़ अल्लाहु अकबर
सवाल: फिर दो रकअत नफ़्ल की नीयत कैसे करे?
जवाब: नीयत की मैंने दो रकअत नमाज़ नफ़्ल अल्लाह तआला के 'लिए मुँह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ़ अल्लाहु अकबर।
तो ये था ईशा की Namaz Ki Niyat Ka Tarika.
नमाज़ की नियत - रकत पर मलूमत
Namaz Ki Rakat Niyat Par Jaruri Malumat In Hindi
सवाल: दिल में है कि फज़र की नमाज़ पढ़ रहे हैं मगर ज़बान से 'निकल गया ज़ुहर या दिल में है कि अस्र की नमाज़ पढ़ रहे हैं लेकिन ग़लती से कह दिया इशा तो फ़ज़़ और अख्र की नमाज़ होगी या नहीं।
जवाब: हो जाएगी।
(दुर्र मुख्तार, बहारे शरीअत)
सवाल: दिल में है कि फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ रहे हैं लेकिन ज़बान से नफ़्ल या सुन्नत का लफ़ज निकल गया तो फ़र्ज़ नमाज़ होगी या नहीं?
जवाब: फ़र्ज़ नमाज़ हो जाएगी।
(बहारे शरीअत)
सवाल: दिल में है कि चार रकअत फ़र्ज़ पढ़ रहा है और ज़बान से निकल गया दो रकअत मगर उसने चार रकअत पढ़ कर सलाम फेरा तो चार रकअत फ़र्ज़ होगी या नहीं?
जवाब: चार रकअत फ़र्ज़ नमाज़ हो जाएगी।
(बहारे शरीअत)
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