Ramzan ke Roze Ki Fazilat in hindi quran-hadees ki roshni me, साथ ही qurani ayat, muharram hadees in urdu, ramadan roje ki fazeelat, ramjan rozhe
Roze Ke Fazilat In Hindi : Ramzan Ke Roze से मुतालिक कुछ 11 अहम् जरुरी बाते रसूल अकरम सल्लल्लाहो अलैवसल्लम ने फरमाया था जो की हर मोमिन मुस्लमान को जानना जरुरी हैं ताकि हर मर्द - औरत मोमिन मुस्लमान को रोज़ो की Fazilat - Barkate पता चले सके.
Ramzan महीने के बरकत से 11 Roze Ki Fazilat In Hindi Hadees.
- जन्नती दरवाज़ा
( 1 ) बेशक जन्नत में एक ऐसा दरवाज़ा है इस दरवाजे को रय्यान के नाम से जाना जाता है , इस रय्यान दरवाजे से क़यामत की दिन रोज़दार दाखिल होंगे।
और इस रोज़दार के अलावा कोई और नेक कर दाखिल नहीं हो पाएंगे। आवाज़ आएंगी की रोज़दार कहा हैं ? पास में लोग खड़े होंगे पर रोज़दार के अलावा कोई और शख्स दाखिल ना हो पाएंगे।
जब रोज़दार दाखिल हो जाएंगे तो रय्याक दरवाज़े को बंद करदिया जाएंगे और बाद में इस दरवाज़े से कोई और शख्स दाखिल ना हो पांएगे।
- साबिक़ा गुनाहों का कफ्फारा
( 2 ) जिस ने Ramzan Ka Roza रखा और उस की हुदूद को पहचाना और जिस चीज़ से बचना चाहिये उस से बचा तो जो ( कुछ गुनाह ) पहले कर चुका है उस का कफ्फारा हो गया ।
- जहन्नम से 70 साल की मसाफ़त दूर
( 3 ) जिस ने Allah की राह में एक दिन का रोज़ा रखा अल्लाह . उस के चेहरे को जहन्नम से सत्तर साल की मसाफ़त दूर कर देगा ।
- एक Ramzan Roze Ki Fazilat
( 4 ) जिस ने एक दिन का रोज़ा अल्लाह की रिज़ा हासिल करने के लिये रखा , अल्लाह , उसे जहन्नम से इतना दूर कर देगा जितना कि एक कव्वा जो अपने बचपन से उड़ना शुरू करे यहां तक कि बूढ़ा हो कर मर जाए ।
- सुर्ख याकूत का मकान
( 5 ) जिस ने माहे Ramzan Me Ek Roza भी खामोशी और सुकून से रखा उस के लिये जन्नत में एक घर सब्ज़ ज़बर जद या सुर्ख याकूत का बनाया जाएगा ।
- जिस्म की ज़कात
( 6 ) हर शै के लिये ज़कात है और जिस्म की ज़कात रोज़ा है और रोज़ा आधा सब्र है ।
- सोना भी इबादत है
( 7 ) Ramzan Me Rozedar का सोना इबादत कहलाता हैं और इस की ' खामोशी तस्बीह कहलाता हैं और इस की दुआ कबूल की जाती हैं और इस का अमल मक्बूल बुलंद बाला होता है ।
- आज़ा का तस्बीह करना
( 8 ) जो बन्दा रोजे की हालत में सुबह करता है , उस के लिये आस्मान के दरवाजे खोल दिये जाते हैं और उस के आ'ज़ा तस्बीह करते हैं
और आस्माने दुन्या पर रहने वाले ( फ़िरिश्ते ) उस के लिये सूरज डूबने तक मरिफ़रत की दुआ करते रहते हैं । अगर वोह एक या दो रक्अतें पढ़ता है तो येह आस्मानों में उस के लिये नूर बन जाती हैं
और हूरे ईन ( या'नी बड़ी आंखों वाली हूरों ) में से उस की बीवियां कहती हैं : ऐ Allah . ! तू इस को हमारे पास भेज दे हम इस के दीदार की बहुत ज़ियादा मुश्ताक हैं ।
और अगर वोह या या पढ़ता है तो सत्तर हज़ार फ़िरिश्ते उस का सवाब सूरज डूबने तक लिखते रहते हैं ।
- जन्नती फल
( 9 ) जिस को Roze ने खाने या पीने से रोक दिया कि जिस की उसे ख़्वाहिश थी तो अल्लाह तआला उसे जन्नती फलों में से खिलाएगा और जन्नती शराब से सैराब करेगा ।
- सोने का दस्तर ख्वान
( 10 ) क़ियामत वाले वक़्त रोज़ादारों के लिये सोने का दस्तर ख्वान बिछाया जाएगा , जिस पर उम्दा आला जन्नती खाना रखकर जन्नती खाएंगे हालां कि लोग ( हिसाब किताब के ) मुन्तज़िर होंगे ।
- सात किस्म के आ'माल Ramzan के Roze Ki Fazilat में
( 11 ) " अल्लाह के नज़्दीक आ'माल सात किस्म पर हैं , दो अमल वाजिब करने वाले , दो अमलों की जज़ा उन की मिस्ल , एक अमल की जज़ा अपने से दस गुना ,
एक अमल की सात सो गुना तक और एक अमल ऐसा है कि उस का सवाब अल्लाह तआला Allah के इलावा कोई नहीं जानता । पस जो दो वाजिब करने वाले हैं
( 1 ) वोह शख्स जो अल्लाह से इस हाल में मिला कि अल्लाह की इबादत इख्लास के साथ इस तरह की , कि किसी को उस का शरीक न ठहराया तो उस के लिये जन्नत वाजिब हो गई
( 2 ) और जो अल्लाह से इस हाल में मिला कि उस के साथ किसी को शरीक ठहराया तो उस के लिये दोज़ख वाजिब हो गई । और जिस शख्स ने एक भी गुनाह करा होंगे
या किया तो उस की मिस्ल ( या'नी एक भी गुनाह की ) सजा पाएगा और जिस शख्स ने सिर्फ और सिर्फ नेकी का इरादा किया तो एक नेकी की फयदा पाएगा ।
और जिस ने नेकी कर ली तो वोह दस ( नेकियों का अज्र ) पाएगा और जिस ने Allah की राह में अपना माल खर्च किया तो उस के दुनियावी मालो में से ख़र्च किये हुए एक पैसा को भी सात सो पैसे
और एक दीनार को सात सो दीनार जितने में बढ़ा दिया जाएगा और Roza सिर्फ अल्लाह तआला के लिये ही है इसके रोज़े के रखें के सवाब सिर्फ और सिर्फ अल्लाह की जनता हैं और बरोज़े क़यामत इसका सवाब मिलंगे
जिस मोमिन का ईमान पर ख़ातिमा होगा उस पर अल्लाह Allah की रहमत से बे हिसाब होगा और अगर गुन्हा हो का अज़ाब होंगे फिर भी बिल आखिर यकीनी जन्नत में दाखिल होंगे ।
और जिस का ख़ातिमा कुफ्र पर हुवा वोह हमेशा हमेशा दोज़ख़ में रहेगा । जिस ने एक गुनाह किया उस को एक ही गुनाह का बदला मिलेगा । अल्लाह की रहमत के कुरबान !
सिर्फ नेकी की निय्यत करने पर एक नेकी का सवाब और अगर नेकी कर ली तो सवाब दस गुना , राहे खुदा 5 में खर्च करने वाले को सात सो गुना और रोज़ादार Ramzan Roza की भी कितनी जबर दस्त अज़मत है कि इस के सवाब को अल्लाह के सिवा कोई नहीं जानता ।
तो ये थी Ramzan के Roze Ki Fazilat In Hindi में इन्हे सवाब की नियत से शेयर करे और अमल करे।
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