Isale Sawab इसाले सवाब पर ३ फरमाने मुस्तफा Irfani Islam

SHARE:

Isale Sawab - 3 फरमाने मुस्तफा, मरहूम के ईसाले सवाब करने की बरकत, esal e sawab वकिया और मालूमात In Hindi, Dua, esal e sawab for parents

Isale Sawab इसाले सवाब पर ३ फरमाने मुस्तफा Irfani Islam

sale-sawab
sale-sawab

3 फरमाने मुस्तफा ईसाले सवाब पर Isale Sawab  In Hindi

( 1 ) दुआओं की ब - र - कत मदीने के सुल्तान - का फ़रमाने मरिफ़रत निशान है : मेरी उम्मत गुनाह समेत क़ब्र में दाखिल होगी और जब निकलेगी तो बे गुनाह होगी क्यूं कि वोह मुअमिनीन की दुआओं से बख़्श दी जाती है । 


( 2 ) ईसाले सवाब का इन्तिज़ार ! सरकारे नामदार - का मुर्दे का हाल कब में डूबते हुए इन्सान की मानिन्द है कि वोह शिद्दत से इन्तिज़ार करता है कि बाप या मां या भाई या किसी दोस्त की दुआ इस को पहुंचे और जब किसी की दुआ Dua उसे पहुंचती है esal e sawab for parents

तो उस के नज़दीक वोह दुन्या व मा फ़ीहा ( या'नी दुन्या और इस में जो कुछ है ) से बेहतर होती है । अल्लाह कब वालों को उन के जिन्दा मु - तअल्लिक़ीन की तरफ़ से हदिय्या किया हुवा सवाब पहाड़ों की मानिन्द अता फरमाता है , ज़िन्दों का हदिय्या ( या'नी तोहफ़ा ) मुर्दो के लिये दुआए Duae मरिफरत करना है । 

रूहें घरों पर आ कर ईसाले सवाब का मुता - लबा करती हैं । 

 मा'लूम हुवा मरने वाले अपनी कब्रों पर आने जाने वालों को पहचानते हैं और उन्हें ज़िन्दों की दुआओं Duao से फाएदा पहुंचता है , जब ज़िन्दा लोगों की तरफ़ से ईसाले सवाब के तोहफे आना बन्द होते हैं , 

तो उन को आगाही हासिल हो जाती है और अल्लाह , उन्हें इजाज़त देता है तो घरों पर जा कर ईसाले सवाब  Isale Sawab Dua का मुता - लबा भी करते हैं । 

मेरे आका आ'ला हज़रत इमामे अहले सुन्नत मुजद्दिदे दीनो मिल्लत मौलाना शाह इमाम अहमद रज़ा खान फतावा र - ज़विय्या ( मुखर्रजा ) जिल्द 9 सफ़हा 650 पर नक्ल करते हैं : " गराइब " और " खज़ाना " में मन्कूल है 

कि मुअमिनीन की रूहें हर शबे जुमुआ ( या'नी जुमा'रात और जुमुआ की दरमियानी रात ) रोजे ईद , रोज़े आशूरा और शबे बराअत को अपने घर आ कर बाहर खड़ी रहती हैं और हर रूह गमनाक बुलन्द आवाज़ से निदा करती ( या'नी पुकार कर कहती )


( 3 ) दूसरों के लिये दुआए मरिफरत करने की फ़ज़ीलत Fazilat

फ़रमाने मुस्तफा जो कोई तमाम मोमिन मी और औरतों के लिये दुआए मरिफ़रत करता है , अल्लाह - उस के लिये हर मोमिन मर्द व औरत के इवज़ एक नेकी लिख देता है । अरबों नेकियां कमाने का आसान नुस्ख़ा मिल गया ! 

झूम जाइये ! अरबों , खरबों नेकियां कमाने का आसान नुस्खा हाथ आ गया ! ज़ाहिर है इस वक़्त रूए ज़मीन पर करोड़ों मुसल्मान मौजूद हैं और करोड़ों बल्कि अरबों दुन्या से चल बसे हैं । 

अगर हम सारी उम्मत की मम्फिरत के लिये दुआ Dua करेंगे तो  हमें अरबों , खरबों नेकियों का खजाना मिल जाएगा । 

मैं अपने लिये और तमाम मुअमिनीन व मुअमिनात के लिये दुआ तहरीर कर देता हूं । ( अव्वल आखिर दुरूद शरीफ़ पढ़ लीजिये ) ढेरों नेकियां हाथ आएंगी । या'नी ऐ अल्लाह ! मेरी और हर मोमिन व मोमिना की मरिफरत फ़रमा । 

आप भी ऊपर दी हुई दुआ को अ - रबी या उर्दू या दोनों ज़बानों में अभी और हो सके तो रोज़ाना पांचों नमाजों के बाद भी पढ़ने की आदत बना लीजिये ।



मरहूम के ईसाले सवाब करने की बरकत Isale Sawab In Hindi

मरहूम रिश्तेदार को ख़्वाब में देखने कैसा 

हज़रते अल्लामा अबू अब्दुल्लाह मुहम्मद बिन अहमद मालिकी कुरतुबी नक्ल करते हैं : हज़रते सय्यिदुना हसन बसरी की ख़िदमते बा ब - र - कत में हाज़िर हो कर एक औरत ने अर्ज की : मेरी जवान बेटी फ़ौत हो गई है , कोई तरीका इर्शाद हो कि मैं उसे ख़्वाब में देख लूं । आप , ने उसे अमल बताया । 

उस ने अपनी मर्दूमा बेटी को ख़्वाब में तो देखा , मगर इस हाल में देखा कि उस के बदन पर तारकोल ( या'नी डामर ) का लिबास , गरदन में जन्जीर और पाउं में बेड़ियां हैं ! येह हैबत नाक मन्ज़र देख कर वोह औरत कांप उठी ! 

उस ने दूसरे दिन हज़रते सय्यिदुना हसन बसरी को ख़्वाब सुनाया , सुन कर आप , बहुत मगमूम हुए । कुछ अर्से बा'द हज़रते सय्यिदुना हसन बसरी  ने ख्वाब में एक लड़की को देखा , जो जन्नत में एक तख्त पर अपने सर पर ताज सजाए बैठी है । 

आप को देख कर वोह कहने फरमाने मुस्तफा : जिस ने मुझ पर रोजे जुमुआ दो सो बार दुरूदे पाक पढ़ा उस के दो सो साल के गुनाह मुआफ होंगे ।  लगी : " मैं उसी ख़ातून की बेटी हूं , जिस ने आप को मेरी हालत बताई थी । " आप , ने फ़रमाया : उस के बकौल तो तू अज़ाब में थी , आख़िर येह इन्किलाब किस तरह आया ?

 मर्हमा बोली : कब्रिस्तान के करीब से एक शख्स गुज़रा और उस ने मुस्तफ़ा जाने रहमत , शम्ए बज़्मे हिदायत , नोशए बज्मे जन्नत , मम्बए जूदो सख़ावत , सरापा फज्लो रहमत - पर दुरूद भेजा , उस के दुरूद शरीफ़ पढ़ने की ब - र - कत से अल्लाह ने हम 560 क़ब्र वालों से अज़ाब उठा लिया । ) अल्लाह की उन पर रहमत हो और उन के सदके हमारी बे हिसाब मरिफ़रत हो । 

इस हिकायत से मालूम हुवा कि पहले के मुसल्मानों का बुजुर्गाने दीन 5 की तरफ़ खूब रुजूअ था , उन की ब - र - कतों से लोगों के काम भी बन जाया करते थे , येह भी मालूम हुवा कि महूम अज़ीज़ों ख्वाब में देखने का मुता - लबा करने में सख़्त इम्तिहान भी है कि अगर मर्रम को अज़ाब में देख लिया तो परेशानी का सामना होगा । 

इस हिकायत से ईसाले सवाब की जबर दस्त ब - र - कत भी जानने को मिली और येह भी पता चला कि सिर्फ एक बार दुरूद शरीफ़ पढ़ कर भी ईसाले सवाब Esal E Sawab किया जा सकता है । 
अल्लाह की रहमतों ,  कि अगर वोह एक दुरूद शरीफ़ ही को कबूल फरमा ले तो उस के ईसाले सवाब की ब - र - कत से सारे के सारे कब्रिस्तान वालों पर भी अगर अज़ाब हो तो उठा ले और उन सब को इन्आमो इक्राम से मालामाल फ़रमा दे । 

जिन के वालिदैन या उन में कोई एक फ़ौत हो गया हो तो उन को चाहिये कि उन की तरफ़ से गफ़्लत न करें , उन की कब्रों पर हाज़िरी भी देते रहें और ईसाले सवाब Isale Sawab भी करते रहें । 


इसाले सवाब Isale Sawab पर वकिया और मालूमात In Hindi

इसाले सवाब क्या हैं Kya Hai

  • कफ़न फट गए ! 

अल्लाह की रहमत बहुत बड़ी है , जो मुसल्मान दुन्या से रुख्सत हो जाते हैं उन के लिये भी उस ने अपने फ़ज़्लो करम के दरवाजे खुले ही रखे हैं । 

अल्लाह की रहमते बे पायां से मु - तअल्लिक एक ईमान अफ़ोज़ हिकायत पढ़िये और झूमिये ! अल्लाह के नबी हज़रते सय्यिदुना अरमिया कुछ ऐसी कब्रों के पास से गुज़रे जिन में अज़ाब हो रहा था । 

एक साल बाद जब फिर वहीं से गुज़र हुवा तो अज़ाब ख़त्म हो चुका था । आप ने बारगाहे खुदा वन्दी में अर्ज की : या अल्लाह ! क्या वज्ह है कि पहले इन को अज़ाब हो रहा था अब ख़त्म हो गया ? आवाज़ आई : 

“ ऐ अरमिया ! इन के कफ़न फट गए , बाल बिखर गए और कळ मिट गई तो मैं ने इन पर रहूम किया और ऐसे लोगों पर मैं रहूम किया ही करता हूं । 


  • नूरानी लिबास

एक बुजुर्ग ने अपने मर्दुम भाई को ख़्वाब में देख कर पूछा : क्या जिन्दा लोगों की दुआ Dua तुम लोगों को पहुंचती है ? महूम ने जवाब दिया : " हां अल्लाह की क़सम ! वोह नूरानी लिबास की सूरत में आती है उसे हम पहन लेते हैं । "  


  • नूरानी तबाक़

मन्कूल है : जब कोई शख्स मय्यित को ईसाले सवाब Isale Sawab करता है तो हज़रते जिब्रईल उसे नूरानी तबाक़ में रख कर कब्र के कनारे खड़े हो जाते हैं और कहते हैं : " ऐ कब्र वाले ! येह हदिय्या या'नी तोहफा ) तेरे घर वालों ने भेजा है कबूल कर । " येह सुन कर वोह खुश होता है और उस के पड़ोसी अपनी महरूमी पर गमगीन होते हैं । 


  • मुर्दो की तादाद के बराबर अज्र

फ़रमाने मुस्तफा जो कब्रिस्तान में ग्यारह बार सू - रतुल इख्लास पढ़ कर मुर्दो को इस का ईसाले सवाब Esale Sawab करे तो मुर्दो की तादाद के बराबर ईसाले सवाब करने वाले को इस का अज्र मिलेगा ।  


  • सब क़ब्र वालों को सिफारिशी बनाने का अमल

सुल्ताने दो जहान , शफ़ीए मुजरिमान - का फ़रमाने शफाअत निशान है : “ जो शख्स कब्रिस्तान में दाखिल हुवा फिर उस ने सू - रतुल फ़ातिहा , सू - रतुल इख्लास और सू - रतुत्तकासुर पढ़ी फिर येह दुआ मांगी : या अल्लाह ! मैं ने जो कुछ कुरआन पढ़ा उस का सवाब इस कब्रिस्तान के मोमिन मर्दो और मोमिन औरतों को पहुंचा । तो वोह सब के सब कियामत के रोज़ इस ( या'नी ईसाले सवाब Esal E Sawab करने वाले ) के सिफ़ारिशी होंगे । " 


  • सूरए इख्लास के ईसाले सवाब Isale Sawab की हिकायत

हज़रते सय्यिदुना हम्माद मक्की फ़रमाते हैं : मैं एक रात मक्कए मुकर्रमा के कब्रिस्तान में सो गया । क्या देखता हूं कि क़ब्र वाले हल्का दर हल्का खड़े हैं , मैं ने उन से इस्तिफ्सार किया ( या'नी पूछा ) : क्या कियामत काइम हो गई ? 

उन्हों ने कहा : नहीं , बात दर अस्ल येह है कि एक मुसल्मान भाई ने सू - रतुल इख्लास पढ़ कर हम को ईसाले सवाब Isale Sawab किया तो वोह सवाब हम एक साल से तक्सीम कर रहे हैं । 


  • उम्मे सा'द के लिये कुंआं

Esal E Sawab For Parents

हज़रते सय्यदुना सा'द बिन उबादा  - ने अर्ज की : या रसूलल्लाह-  ! मेरी मां इन्तिकाल कर गई हैं ( मैं उन की तरफ से स - दका ( या'नी खैरात ) करना चाहता हूं ) कौन सा स - दका अफ्ज़ल रहेगा ? सरकार - ने फ़रमाया : " पानी । " चुनान्चे उन्हों ने एक कुंआं खुदवाया और कहा : या'नी " येह उम्मे साद के लिये है । "



  • गौस पाक का बकरा कहना कैसा ?

सय्यिदुना सा'द ज के इस इर्शाद : " येह उम्मे सा'द  के लिये है " के मा'ना येह हैं कि येह कूआं सा'द - की मां के ईसाले सवाब esal e sawab for parents के लिये है । 

इस से येह भी मालूम हुवा कि मुसल्मानों का गाय या बकरे वगैरा को बुजुर्गों की तरफ़ मन्सूब करना म - सलन येह कहना कि " येह सय्यिदुना गौसे पाक , का बकरा है " इस में कोई हरज नहीं कि इस से मुराद भी येही है कि येह बकरा गौसे पाक के ईसाले सवाब  Esal E Sawab के लिये है । 

कुरबानी के जानवर को भी तो लोग एक दूसरे ही की तरफ़ मन्सूब करते हैं , म - सलन कोई अपनी कुरबानी का बकरा लिये चला आ रहा हो और अगर आप उस से पूछे कि किस का बकरा है ? 

तो उस ने कुछ इस तरह जवाब देना है , " मेरा बकरा है " या " मेरे मामूं का बकरा है । " 

जब येह कहने वाले पर ए'तिराज़ नहीं तो " गौसे पाक का बकरा " कहने वाले पर भी कोई ए'तिराज नहीं हो सकता । 

हक़ीक़त में हर शै का मालिक अल्लाह Allah ही है और कुरबानी का बकरा हो या गौसे पाक का बकरा , ज़बह के वक्त हर ज़बीहा पर अल्लाह का ही नाम लिया जाता है । अल्लाह - वस्वसों से नजात बलो । 


multi

Name

1_muharram_date_2021_india_pakistan_saudi_arab_USA,1,10_Muharram_Ka_Roza,1,15-August,3,Abu_Bakr_Siddiq,2,Ahle_bait,6,Al_Hajj,4,ala_hazrat,5,Allah,1,Aqiqah,1,Arka_Plan_Resim,1,Ashura_Ki_Namaz_Ka_Tarika,1,assalamu_alaykum,1,Astaghfar,1,Aulia,7,Aurton_KI_Eid_Ki_Namaz_Ka_Tarika_In_Hindi,1,ayatul-Kursi,1,Azan,2,Baba_Tajuddin,4,Bakra_Eid_Ki_Namaz_Ka_Tarika_in_Hindi,1,Bismillah_Sharif,3,Chota_Darood_Sharif,1,Dajjal,2,Darood_Sharif,5,Darood_Sharif_In_Hindi,2,Date_Palm,1,Dua,24,Dua_E_Masura,1,Dua_E_Nisf,1,Dua_For_Parents_In_Hindi,1,Dua_iftar,1,Dua_Mangne_Ka_Tarika_Hindi_Mai,1,Duniya,1,Eid_Milad_Un_Nabi,8,Eid_UL_Adha,1,Eid_UL_Adha_Ki_Namaz_Ka_Tarika,2,Eid_UL_Fitr,1,English,5,Fatiha Ka Tarika,2,Fatima_Sughra,1,Gaus_E_Azam,6,Good_Morning,1,Google_Pay_Kaise_Chalu_Kare,1,Gunahon_Ki_Bakhshish_Ki_Dua,1,Gusal_karne_ka_tarika,1,Haji,1,Hajj,10,Hajj_And_Umrah,1,Hajj_ka_Tarika,1,Hajj_Mubarak_Wishes,1,Hajj_Umrah,1,Hajj_Umrah_Ki_Niyat_ki_Dua,1,Happy-Birthday,4,Hazarat,3,Hazrat_ali,3,Hazrat_E_Sakina_Ka_Ghoda,1,Hazrat_Imam_Hasan,1,Health,1,Hindi_Blog,7,History_of_Israil,1,Humbistari,1,Iftar,1,iftar_ki_dua_In_hindi,1,Image_Drole,1,Images,53,Imam_Bukhari,1,imam_e_azam_abu_hanifa,1,Imam_Hussain,1,Imam_Jafar_Sadiqu,3,IPL,1,Isale_Sawab,3,Islahi_Malumat,41,islamic_calendar_2020,1,Islamic_Urdu_Hindi_Calendar_2022,1,Isra_Wal_Miraj,1,Israel,1,Israel_Palestine_Conflict,1,Jahannam,2,Jakat,1,Jaruri_Malumat,30,Jibril,1,jumma,8,Kaise_Kare,5,Kaise-kare,2,Kajur,1,Kalma,3,Kalma_e_Tauheed_In_Hindi,1,Kalme_In_Hindi,1,Karbala,1,khajur_in_hindi,1,Khwaja_Garib_Nawaz,21,Kujur,1,Kunde,2,Kya_Hai,3,Laylatul-Qadr,6,Loktantra_Kya_Hai_In_Hindi,1,Love_Kya_Hai,1,Lyrics,11,Meesho_Se_Order_Kaise_Kare,1,Meesho-Me-Return-Kaise-Kare,1,Mehar,1,Milad,1,Mitti_Dene_Ki_Dua_IN_Hindi,1,muharram,22,Muharram_Ki_Fatiha_Ka_Tarika,1,Muharram_Me_Kya_Jaiz_Hai,1,musafa,1,Namaz,10,Namaz_Ka_Sunnati_Tarika_In_Hindi,1,Namaz_Ka_Tarika_In_Hindi,10,Namaz_ke_Baad_ki_Dua_Hindi,1,Namaz_Ki_Niyat_Ka_Tarika_In_Hindi,2,Nazar_Ki_Dua,2,Nikah,2,Niyat,2,Online_Class_Kaise_Join_Kare,1,Palestine,3,Palestine_Capital,1,Palestine_currency,1,Parda,1,Paryavaran_Kya_Hai_In_Hindi,1,photos,15,PM_Kisan_Registration,2,Qawwali,1,Qubani,1,Quotes,3,Quran,4,Qurbani,4,Qurbani_Karne_Ki_Dua,1,Rabi_UL_Awwal,2,Rajab,7,Rajab_Month,3,Rajdhani,2,Ramzan,18,Ramzan_Ki_Aathvi_8th_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_Athais_28_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_Atharavi_18_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_Baisvi_22_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_Barvi_12th_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_Bisvi_20_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_Chabbisvi_26_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_Chatvi_6th_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_Chaubis_24_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_Chaudhvin_14th_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_Chauthi_4th_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_Dasvi_10th_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_Dusri_Mubarak_Ho,1,Ramzan_ki_Fazilat_In_Hindi,1,Ramzan_Ki_Gyarvi_11th_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_Ikkisvi_21_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_navi_9th_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_Pachisvi_25_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_Panchvi_5th_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_Pandravi_15th_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_Pehli_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_Sataisvi_27_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_Satravi_17_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_Satvi_7th_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_Sehri_Mubarak_Ho,29,Ramzan_Ki_Teesri_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_Tehrvi_13th_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_Teisvi_23_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_Tisvi_30_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_Unnatis_29_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Ki_Unnisvi_19_Sehri_Mubarak_Ho_Images,1,Ramzan_Mubarak_Ho,1,Ramzan-Ki-Dusri-2nd-Sehri-Mubarak-Ho-Images,1,Ramzan-Ki-Sehri-Ki-Dua,1,Ramzan-Ki-Solvi-16-Sehri-Mubarak-Ho-Images,1,Roman_English,1,Roza,11,Roza_Ki_Dua,1,Roza_Rakhne_Ki_Niyat,3,Roza_Tut_Jata_Hain,1,Roza_Tutne_Wali_Cheezain,1,Roze_ki_Fazilat_in_Hindi,1,sabr,1,Sadaqah,1,sadka,1,Safar_Ki_Dua,2,Safar_Me_Roza,1,Sahaba,2,Shab_E_Barat,7,Shab_e_Meraj,9,shab_e_meraj_namaz,2,Shab_E_Qadr,9,Shaban_Ki_Fazilat_In_Hindi,1,Shaban_Month,3,Shadi,2,Shaitan_Se_Bachne_Ki_Dua_In_Hindi,1,Shayari,22,Shirk_O_Bidat,1,Sone_Ki_Dua,1,Status,4,Surah_Rahman,1,Surah_Yasin_Sharif,1,surah-Qadr,1,Taraweeh,3,Tijarat,1,Umrah,2,Valentines_Day,1,Wahabi,1,Wazu,1,Wazu Ka Tarika,1,Wishes-in-Hindi,6,Youm_E_Ashura,3,Youm_E_Ashura_Ki_Namaz,1,Youme_Ashura_Ki_Dua_In_Hindi,1,Zakat,1,Zakat_Sadka_Khairat,1,Zina,1,Zul_Hijah,5,جمعة مباركة,1,पर्यावरण_क्या_है,1,प्यार_कैसे_करें,1,मुहर्रम_की_फातिहा_का_तरीका_आसान,1,मुहर्रम_क्यों_मनाया_जाता_है_हिंदी_में,1,
ltr
item
Irfani - Info For All: Isale Sawab इसाले सवाब पर ३ फरमाने मुस्तफा Irfani Islam
Isale Sawab इसाले सवाब पर ३ फरमाने मुस्तफा Irfani Islam
Isale Sawab - 3 फरमाने मुस्तफा, मरहूम के ईसाले सवाब करने की बरकत, esal e sawab वकिया और मालूमात In Hindi, Dua, esal e sawab for parents
https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEgjkSwuFLjDSGo-G5HDlID0ReMeb6k1QIjQPVzSgI8cwi7CsxuQwi4UDGE8Szs52rAxHmGI7g5IjZcAjXiGuLKGjW47-LFmmD10nzOi914_YfWep54xsGaTpljFggGWuunmdTyiOlXWWL5Tz3rOZ3A4KM76B9cRZ7rtv6-CAObXhVU5bgudXtxAPQuh2w=s16000
https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEgjkSwuFLjDSGo-G5HDlID0ReMeb6k1QIjQPVzSgI8cwi7CsxuQwi4UDGE8Szs52rAxHmGI7g5IjZcAjXiGuLKGjW47-LFmmD10nzOi914_YfWep54xsGaTpljFggGWuunmdTyiOlXWWL5Tz3rOZ3A4KM76B9cRZ7rtv6-CAObXhVU5bgudXtxAPQuh2w=s72-c
Irfani - Info For All
https://www.irfani-islam.in/2021/09/Isale-sawab.html
https://www.irfani-islam.in/
https://www.irfani-islam.in/
https://www.irfani-islam.in/2021/09/Isale-sawab.html
true
7196306087506936975
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy