Ramzan Ki Sehri Mubarak Ho Images pehli Suhar se tisvi sehri images free download aur Sehri Ki Fazilat Hadees और Masail In Hindi सेहरी की फजीलत मसाइल
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Ramzan Ki Sehri Mubarak Ho Images 1st Sehri Se 30th Sehri Photos
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Sehri Ki Fazilat Hadees सेहरी की फजीलत हदीस In Hindi
अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त ने सहरी में बेशुमार फ़ज़ीलतें या बरकतें रखी हैं। आज सेहरी की फ़ज़ीलत या सहरी की बरकत के मुतालिक चंद हदीस शरीफ़ आपकी ख़िदमत में पेश करते हैं मुलाहिज़ा फरमाये।
सेहरी के तालुक से हुज़ूर रहमत दो आलम सरवर ए कौनें सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के चंद इरशादत..
(1). "सेहरी खाया करो क्यु की सहरी में बरकत हैं "।
[मुस्लिम शरीफ, जिल्द -1, सफा-633, हदीस-1923]
(2). "हमारे और अहले किताब (यानी यहूद -ओ-नसारा) के दरमियान सेहरी खाने का फर्क हैं "।
[मुस्लिम शरीफ, सफा-552, हदीस-1096]
(3). "अल्लाह अज़्ज़वजल और उसके फरिश्ते सेहरी खाने वाले पर रहमत नाज़िल फरमाते हे"।
[सहीह इब्न हिब्बन, जिल्द -5, सफा-194, हदीस-3458]
(4). "हुज़ूर नबी ए करीम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम अपने साथ जब किसी सहाबी को सहरी खाने के लिए बुलाते तो इरशाद फरमाते" आओ बरकत का खाना खा लो।
[सुनाने अबू दाऊद, जिल्द -2, सफा-442, हदीस-2344]
(5). "रोज़ा रखने के लिए सेहरी खा कर क़ुव्वत हासिल करो और दिन के वक़्त आराम करके रात की इबादत के लिए ताक़त हासिल करो"।
[सुनाने इब्ने माजाह, जिल्द -2, सफा-321, हदीस-1693]
(6). "सेहरी बरकत की चिज़ हैं जो अल्लाह तआला ने तुमको अता फरमाई हैं, तो मत छोडना है"।
[सुनाने नासाई, जिल्द -2, सफा-79, हदीस-2472]
(7). "3 आदमी जितना भी खाले इंशाअल्लाह उनसे कोई हिसाब न होगा बा-शर्ते खाना हलाल हो,
1) रोज़ादार इफ्तार के वक़्त,
2) सेहरी खाने वाले,
3) मुजाहिद जो अल्लाह तआला के रास्ते में सरहद-ए-इस्लाम की हिफाजत करे”।
[अत तरग़ीब वत तरहीब, जिल्द -2, सफा-90, हदीस-9]
(8). 3 चिज़ो को अल्लाह महबूब रक्ता है
1)इफ्तार में जलदी
2) सेहरी में ताकीर
3) नमाज के क़ियाम में हाथ पर हाथ रखना
[अत तरग़ीब वत तरहीब , जिल्द -2, सफा-91, हदीस-4]
(9). "सेहरी पूरी की पूरी बरकत हैं, पास तुम न छोडो चाहे यही हो की तुम पानी का एक घुट पी लो, बेशक अल्लाह ता'आला और उसके फरिश्ते रहमत भेजते हैं सेहरी करने वाले पर"।
[मुसनदे अहमद बिन हम्बल, जिल्द -4, सफा-88, हदीस-11396]
(10). "हज़रते सैय्यदना इरबाज़ बिन सारिया रदिअल्लाहो तआला अनहो बयान करते हैं की एक बार रमज़ान उल मुबारक में हुज़ूर नबी ए करीम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने मुझे अपने साथ सहरी खाने के लिए बुलाया और फरमाया" आओ मुबारक खाने के लिए ।
[सुनाने अबू दाऊद, जिल्द -2, सफा-442, हदीस-2344]
(11). खजूर मोमिन की बेहतरीन सेहरी है।
[सुनान अबू दाऊद, जिल्द -2, सफा-443, हदीस-2345]
(12). हज़रत अनस रदी अल्लाहु अन्हु फरमाते है, आप لی اللہ لیہ وسلم सेहरी के वक्त मुझसे फरमाते "मेरा रोजा रखने का इरदा है, मुझे कुछ खिलाओ! तो मैं कुछ खजूर और एक बरतन में पानी पेश करता हूं।"
[सुनान अल-कुबरा, जिल्द -2, सफा-80, हदीस-2477]
मैं तमाम फरामिन से हमें यही दर्स मिलता हैं की सेहरी हमारे लिए एक अज़ीम नेमत हैं जिस से सुमार जिस्मानी और रूहानी फवाइद हासिल होते हैं।'
सेहरी के मसाइल - Sehri Ke Masail In Hindi
(1). सेहरी खाने में बरकत हैं ।
(2). नींद से उठने के बाद जान बुज़ के सेहरी नहीं छोड़नी चाहिए।
हज़रत अनस र.ए. से रिवायत है रसूल अल्लाह s.a.w.s.ने फरमाया” सेहरी खाओ सेहरी खाने में बरकत है”
सही बुखारी वो मुस्लिम किताबुस सियाम ।
(3). इफ्तार में जल्दी करना या सहरी देर से खाना अंबिया करम की सुन्नत है।
हज़रत अबू दरदा र.ए. कहते हैं रसूल अल्लाह s.a.w.s. ने फरमाया" तीन बाते इखलाक नबुवत से है
(1) रोजा जल्दी इफ्तार करना {यानी एक दम सही वक्त पर }
(2) सेहरी देर से खाना {सेहरी के आखिरी वक्त पे खाना}
(3) नमाज में दाया हाथ बाए हाथ के ऊपर बांधना "
इस हदीस को तिबरानी ने रिवायत की है, हदीस सही जामिया सागीर-रकम 3034।
(4). रमजान में फजर की अज़ान से पहले सेहरी के लिए अज़ान देना सुन्नत हैं ।
हज़रत आयशा र.ए. से रिवायत ही के हज़रत बिलाल र.ए. रात को (सेहरी के वक्त से पहले) अज़ान दे दिया करते थे, चुनाचे रसूल अल्लाह s.a.w.s. ने फरमाया” इस वक़्त तक खाओ पीओ जब तक उम्मे मकतूम r.a. अज़ान ना दे दें. इस लिए के इब्ने उम्मे मकतूम r.a. इस वक़्त तक अज़ान नहीं देते जब तक फजर ना हो जाए.
सही बुखारी वो मुस्लिम , किताबुस सियाम।
(5). नबी s.a.w.s के दौर में रमजान के महीने में सहरी के लिए अज़ान होती थी जो हज़रत बिलाल r.a. देते थे के लोगों को सेहरी का वक्त पता चल जाए
फिर फजर की अज़ान हज़रत इब्ने उम्मे मकतूम r.a. देते, आज टेक्नोलॉजी के जमाने में ये सुन्नत खतम हो कर रह गई पर आज भी हरमैन शरमेन बैतुल्लाह और मस्जिद ए नबवी में सेहरी की अज़ान दी जाती है या सुन्नत को ज़िंदा रखा है हमें भी चाहिए के नबी की सुन्नत को ज़िंदा रखे
(6). सहरी खाते अज़ान हो जय तो खाना फौरन तर्क करने के बजाई जल्दी जल्दी खा लेना चाहिए।
हज़रत अबू हुरैरा र.ए. से रिवायत ही रसूल s.a.w.s. ने फरमाया" जब कोई आदमी अज़ान सुने या पिने का बर्तन इस के हाथ में हो तो उसे फ़ौरन ना रख दे बल्कि अपनी जरूरी पूरी कर ले"
हदीस सही सुनान अबू दाऊद-2060।
यानि के अगर आप खा रहे हो या निवाला हाथ में है या पानी पीने के लिए ग्लास या बोतल में ले लिए उस वक्त अज़ान हो तो वो नीवाला मुँह में रख कर खा ले,
और हाथ में पानी हो उस को पिलेना चाहिए, उसके बाद दूसरा, तीसरा निवाला प्लेट से नहीं लेना चाहिए के अज़ान शुरू हुई जल्दी जल्दी मुँह में भर लो नहीं सिर्फ हाथ में जो निवाला हो उसी को खाओ तो बेहतर हैं.
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