Eid Milad Un Nabi In Quran - 12 रबी उल अव्वल पर तमाम ओलमा इस्लाम का इजमा है कि इस दिन दो जाहा के सुल्तान प्यारे आका मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो ताला वस
Eid Milad Un Nabi In Quran ईद मिलाद उन नबी क़ुरान में
Eid Milad Un Nabi In Quran - 12 रबी उल अव्वल पर तमाम ओलमा इस्लाम का इजमा है कि इस दिन दो जाहा के सुल्तान प्यारे आका मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो ताला वसल्लम सारे आलम के लिए रहमत बनाकर दुनिया में तशरीफ लाए और इसी दिन सारी दुनिया में मुसलमान अपने नबी की विलादत का जश्न करते हैं
ईद मिलाद उन नबी पहली आयत क़ुरान में Eid Milad Un Nabi In Quran
( 1 ). " फरमाओ अल्लाह ही के फज़ल और उसी की रेहमत और उसी पर चाहिए के खुशिया करे। "
(सुरहा : यूनुस आयात 58 )
इस आयात में अल्लाह ताला ने अपने फज़ल और अपनी रहमत पर खुशिया मानाने का हुकुम दिया हैं।
ईद मिलाद उन नबी दूसरी आयत क़ुरान में Eid Milad Un Nabi In Quran
( 2 ). " और हम ने तुम्हे ना भेजा मगर रहमत सारे जहाँ के लिए। "
(सौराह : अम्बिया आयात 107 )
इस आयात में अल्लाह अज़्ज़वजल अपने प्यारे नबी صلى الله عليه وسلم से फरमा रहे हैं के हमने तुम्हे सिर्फ 1 या 2 आलम के लिए नहीं बल्कि सारे आलम के लिए रहमत बना कर भेजा,
यहाँ गौर करे अल्लाह ने अपने नबी صلى الله عليه وسلم को रहमत कहा हैं और जो पहेली आयात पेश की गई हैं उसमे अल्लाह ने अपनी रहमत पर ख़ुशी करने का हुकुम दिया हैं
जो आयतो का मुनकिर होंगे जो नबी صلى الله عليه وسلم को अपने लिए अल्लाह की रहमत और नेमत नहीं समझ ता और आका صلى الله عليه وسلم सल्लल्लाहो अलय वसल्लम की विलादत की ख़ुशी से ऐतराज़ करेगा यानि वो गम मनाएगा प्यारे आका صلى الله عليه وسلم की विलादत पर
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ईद मिलाद उन नबी तीसरी आयत क़ुरान में Eid Milad Un Nabi In Quran
( 3 ). " अपने रब की नेमतों का खूब-खूब चर्चा करो। "
(सुरहा दोहा आयत 11)
इस आयत में अल्लाह ताला ने हमें अपनी रहमतों का चर्चा करने का हुकुम दिया है, हर मोमिन यह जानता है कि,
अल्लाह ताला की सबसे बड़ी और अजीम नेमत हमारे लिए उसके रसूल हमारे प्यारे आका सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम صلى الله عليه وسلم है।
इस बात को समझने के लिए कुरान की एक आयत मुलाहिजा फरमाइए
अल्लाह ताला फरमाता है,
" हमने मोमिन पर एहसान किया कि जब उन्हें अपने सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम को भेज दिया। "
(सूरह अल इमरान आयत नंबर 164)
मेरी प्यारे इस्लामी भाइयों आपने सारा कुरान पढ़ लीजिए किसी भी जगह अल्लाह ताला ने यह नहीं कहा कि हमने तुम्हें यह नेमत देकर तुम पर एहसान किया है,
सिवाय अपने महबूब नबी सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम صلى الله عليه وسلم के, इससे मालूम हुआ कि अल्लाह की सबसे बड़ी नेमत हमारे लिए उसके रसूल हमारे आका सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम صلى الله عليه وسلم है
ऊपर दी हुई कुरान की आयतों से साफ-साफ जाहिर होता है कि कुरान In Quran हमें हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम صلى الله عليه وسلم की मिलाद मनाने का पूरा-पूरा हुकुम इजाजत देता है,
इसलिए हमें चाहिए कि हमें हर साल हमारे प्यारे प्यारे सोने सोने आका सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम صلى الله عليه وسلم का मिलाद हर साल इस्लाम के शरीयत के दायरे में रहकर ईद ए मिलाद उन नबी Eid Milad Un Nabi मनाना चाहिए।
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