Iftar Ki Dua In Hindi, Roman English, Arabic इफ्तार की दुआ जिसे Roza Kholne Ki Niyat कहते हैं और इफ्तार की फ़ज़ीलत और बरकते हिंदी main
( फ़तावा रज़विय्या मुखर्रजा , जि . 10 , स . 628 , 629 )
Iftar Ki Dua - इफ्तार की दुआ
Iftar Ki Dua in Hindi
”अल्लाहुम्मा इन्नी लका सुमतु, व-बिका आमन्तु, व-अलयका तवक्कालतू, व- अला रिज़क़िका अफतरतू ”
Iftar Ki Dua in Arabic
" اَللّٰهُمَّ اِنَّی لَکَ صُمْتُ وَبِکَ اٰمَنْتُ وَعَلَيْکَ تَوَکَّلْتُ وَعَلٰی رِزْقِکَ اَفْطَرْتُ "
Iftar Ki Dua in Roman English
" ALLAHUMMA INNI LAKA SUMTU WA BIKA AAMANTU WA ALAIKA TAWAKKALTU WA ALAA RIZQIKA AFTARTU FATAQABAL MINNI "
Roza Kholne Ke Baad Ki Dua In Hindi
इफ्तार कर लेने के बा'द मसलन खजूर खा कर या थोड़ा सा पानी पी लेने के बा'द सुन्नत पर अमल करने की निय्यत से नीचे दी हुई दुआ भी पढ़िये , कि मदीने के ताजदार , शहनशाहे अबरार ब वक्ते इफ़्तार येह दुआ पढ़ते :
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( तरजमा : ऐ अल्लाह ! मैं ने तेरे लिये रोज़ा रखा और तेरे ही अता कर्दा रिज्क से इफ्तार किया । )
दूसरी हदीसे पाक में फ़रमाने मुस्तफा है : ऐ अली ! जब तुम रमजान के महीने में रोज़ा रखो तो इफ्तार के बाद येह दुआ पढ़ो :
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( तरजमा : ऐ अल्लाह ! मैं ने तेरे लिये रोज़ा रखा और तुझी पर भरोसा किया और तेरे ही अता कर्दा रिज्क से इफ्तार किया )
तो तुम्हारे लिये तमाम रोजेदारों की मिस्ल अज्र लिखा जाएगा और उन के सवाब में भी कमी नहीं की । जाएगी । इस के बाद हो सके तो मज़ीद दुआएं भी कीजिये कि वक्ते कबूल है ।
Iftar के लिये अज़ान शर्त नहीं
इफ्तार की दुआ Iftar Ki Dua In Hindi उमूमन क़ब्ल अज़ इफ़्तार पढ़ने का रवाज है
मगर इमामे अहले सुन्नत मौलाना शाह अहमद रज़ा खान ने " फ़तावा रज़विय्या ( मुखर्रजा ) जिल्द 10 सफ़हा 631 " में अपनी तहकीक़ येही पेश की है
कि दुआ इफ्तार के बाद पढ़ी जाए । इफ्तार Iftar के लिये अज़ान शर्त नहीं , वरना उन अलाकों या शहरों में रोज़ा कैसे खुलेगा जहां मसाजिद ही नहीं या अज़ान की आवाज़ नहीं आती ।
बहर हाल अज़ान नमाजे मगरिब के लिये होती है । जहां मसाजिद हों ! ज़हे नसीब ! वहां येह तरीका राइज हो जाए कि जैसे ही आफ़्ताब गुरूब होने का यक़ीन हो जाए ,
बुलन्द आवाज़ से कहने के बा'द इस तरह तीन बार ए'लान कर दिया जाए : " आशिकाने रसूल रोजा इफ्तार Roza Iftar कर लीजिये । "
Iftar Ki Fazilat In Hindi इफ्तार की फ़ज़ीलत Hadees से
( 1 ) " हमेशा लोग खैर के साथ रहेंगे जब तक इफ्तार में जल्दी करेंगे । " इफ्तार करवाने की अज़ीमुश्शान फ़ज़ीलत
( 2 ) " जिस ने हलाल खाने या पानी से ( किसी मुसल्मान को ) रोजा इफ्तार Roza Iftar करवाया , फ़िरिश्ते माहे रमज़ान के अवकात में उस के लिये इस्तिरफार करते हैं और जिब्रील शबे क़द्र में उस के लिये इस्तिरफार करते हैं । " जिब्रीले अमीन के मुसाफ़हा करने की अलामत
( 3 ) " जो हलाल कमाई से रमज़ान में रोजा इफ्तार Roza Iftar करवाए रमज़ान की तमाम रातों में फ़िरिश्ते उस पर दुरूद भेजते हैं और शबे कद्र में जिब्रील उस से मुसाफ़हा करते हैं और जिस से जिब्रील मुसाफ़हा कर लें उस की आंखें अश्कबार हो जाती हैं । और उस का दिल नर्म हो जाता है । "
( 4 ) " जो रोज़ादार को पानी पिलाएगा अल्लाह उसे मेरे हौज़ से पिलाएगा कि जन्नत में दाखिल होने तक प्यासा न होगा । "
( 5 ) " जब तुम में कोई रोजा इफ्तार Roza Iftar करे तो खजूर या छुहारे से इफ्तार करे कि वोह बरकत है और अगर न मिले तो पानी से कि वोह पाक करने वाला है ।
सरकार का इफ्तार Sarkar Ka Iftar In Hindi : हज़रते सय्यिदुना अनस से रिवायत है : “ अल्लाह के हबीब , हबीबे लबीब नमाज़ से पहले तर खजूरों से रोजा इफ्तार Roza Iftar फ़रमाते , तर खजूरे न होतीं तो चन्द खुश्क खजूरें या'नी छुहारों से और येह भी न होतीं तो चन्द चुल्लू पानी पीते । "
रोज़ा खोलने की दुआ / सेहरी की दुआ