Jahannam Se Najat : जहन्नम से नजात दिलाने वाले आमाल, ka asan tariqa, powerful amal, Najat Dene wali azkaar, Azab-e-Jahannam Se Najat ka Zariya irfani
Jahannam Se Najat दिलाने वाले आमाल In Hindi
नजात दिलाने वाले आमाल Jahannam Se Najat दिलाने वाले तफ़्सीर से मालूमात और कुछ खास बाते और जहन्नम से निजात का जरिया।
Jahannam Se Najat - जहन्नम से निजात के लिए नेक लोगों के वोह उम्दा अख़्लाक़ और अच्छी आदात या वोह बेहतरीन आ'माल जिन के जरीए बन्दा अपने रब (Allah) का कुर्ब हासिल करता
और दुन्यवी व उख़रवी तरक्की की राह पर गामज़न होता है उन्हें " मुन्जियात या'नी नजात दिलाने वाले आमाल " कहा जाता है ।
1) . एक मुसलमान के लिये जाहिरी व बातिनी गुनाहों से अपने आप को बचाने और नेक आ माल बजा लाने की बड़ी अहम्मिय्यत है
क्यूंकि नेक आ'माल रिजाए इलाही हासिल करने , रहमते इलाही पाने , नजात दिलाने और जन्नत (Jannat) में ले जाने का बहुत बड़ा सबब हैं ।
जिस तरह " मुहर्रमाते बातिनिय्या ( या'नी बातिनी हराम चीजें मसलन ) तकब्बुर व रिया व उज्ब ( या'नी खुद पसन्दी ) व हसद वगैरहा और उन के मुआलजात ( या'नी इलाज ) का इल्म हर मुसलमान पर फ़र्ज़ है ।
" वैसे ही " मसाइले इल्मे कल्ब या'नी फ़राइजे कल्बिय्या मिस्ल तवाज़ोअ व इख्लास व तवक्कुल वगैरहा और उन के तुरुके तहसील ( हासिल करने के तरीकों ) का इल्म भी हर मुसलमान पर फ़र्ज़ है । "
( 2 ) अलबत्ता इस मस्अले में काफ़ी तफ्सील है । इसी ज़रूरत के पेशे नज़र मजलिसे अल मदीनतुल इल्मिय्या ने पहले " बातिनी गुनाहों की मालूमात " पर मुश्तमिल एक किताब बनाम " बातिनी बीमारियों की मालूमात " मुरत्तब की जिसे अल्लाह - के फ़ज़्लो करम से बहुत पज़ीराई मिली ,
फिर " मसाइले कल्ब की मा'लूमात " पर मुश्तमिल एक किताब मुरत्तब करने का इरादा किया जिस में हत्तल मक्दूर हर अमल की तारीफ़ , आयते मुबारका , हदीसे पाक , हुक्म
..इहयाउल उलूम , 417 माखूजन । 8.फूतावा रजूविय्या , 23/624 मुलख्वसन ।
' या तरगीव , हिकायत और उस नेक अमल को करने का जेह्न बनाने और अमल करने के मुख्तलिफ़ तरीकों का बयान हो , चुनान्चे , येह काम शो'बए ।
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Jahannam |
Jahannam Se Najat काम की तफ्सील कुछ यूं है :
( 1 ) इस पोस्ट में फ़क़त 39 मसाइले इल्मे कल्ब या'नी फ़राइजे कल्बिय्या मिस्ले तवाज़ोअ व इख्लास व तवक्कुल वगैरहा और इन के तुरुके तहसील ( हासिल करने के तरीकों ) को बयान किया गया है ।
( 2 ) मुश्किल तारीफ़ात से एहतिराज़ करते हुए मशहूर और आम फह्म तारीफ़ात पर ही इक्तिफ़ा किया गया है अलबत्ता बाज़ जगह ज़रूरतन एक से जाइद तारीफ़ात को यक्जा कर के हत्तल मक्दूर बा हवाला बयान किया गया है , ब सूरते दीगर वहां आम फह्म तारीफ़ज़िक्र कर दी गई है ।
( 3 ) बा'ज़ आयात में तफ्सीर को भी पेशे नज़र रखा गया है , नीज़ आयात को कुरआनी (Quran) रस्मुल ख़त में लिखने के साथ साथ तर्जमए कन्जुल ईमान का भी इल्तिज़ाम किया गया है ।
( 4 ) अक्सर वोह अहादीस बयान की गई हैं जिन में उस अमल की किसी न किसी फजीलत का बयान हो , नीज़ तमाम अहादीस की तख़रीज या'नी मुकम्मल हवाला भी जिक्र कर दिया गया है और बाज़ अहादीस के तहत उन की शह भी जिक्र की गई है ।
( 5 ) जिन का हुक्मे शरई बा आसानी मिल गया उसे बा हवाला ज़िक्र कर दिया गया है , बक़िय्या के हवाले से तरगीबी कलाम डाल दिया गया है , बा'ज़ जगह अहकाम की मुख्तलिफ़ सूरतों को बयान किया गया है ।
( 6 ) हर अमल को करने का ज़ेह्न बनाने या उसे बजा लाने या उसे हासिल करने के बा'ज़ मुख्तलिफ़ तरीकों को भी बयान किया गया है । इस पोस्ट में जो भी खूबियां हैं वोह यक़ीनन अल्लाह (Allah) के फज्लो करम , उस के प्यारे हबीब हज़रात मोहम्मद की अता , सहाबए किराम , अले बैते इज़ाम , औलियाए किराम - की इनायतों और तमाम ओलमा की शफ्कतों का नतीजा हैं और ब तकाज़ाए बशरिय्यत जो भी खामियां हों उन में हमारी कोताह फ़मी दखल है ।
अल्लाह (Allah) हमारी इस सई को अपनी बारगाह में क़बूल फ़रमाए , इस में सरज़द होने वाली गलतियों को मुआफ़ फ़रमाए , इसे अवामो ख़वास के हक़ में नाफ़ेअ बनाए , हम सब को इख्लास के साथ दीन का काम करने की तौफ़ीक़ अता फ़रमाए ,
Jahannam Se Najat , हुजूर नबिये रहमत , शफ़ीए उम्मत सल्लल्लाहो अलैवसल्लम के वसीले से मदीनए मुनव्वरा में शहादत की मौत , जन्नतुल बक़ीअ में मदफ़न और जन्नतुल फ़िरदौस में आप का पड़ोस नसीब फ़रमाए ।
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