Surah Yasin Sharif Ki Fazilat In hindi, सूरए यासीन शरीफ की फ़ज़ीलत, shab e barat me padhi jane wale 6 rakat namaz, sure yasin ka amal, hajat pura karn
Surah Yasin Sharif Ki Fazilat में सबसे बड़ी फ़ज़ीलत की सुरह यासीन शरीफ को क़ुरान का दिल भी कहा जाता हैं हर मामले में जब अल्लाह के कलाम के जरिये मदत ले जाती हैं तो सुरह यासीन को पढ़ा जाता हैं
और Surah Yaseen Sharif के जरिये हर मुसीबत बाला को ख़तम किया जाता हैं और करोडो सवाब एक मोमिन अपने नामए अमल में करता हैं
Sura Yaseen का वही मोमिन अपने रोज मर्रा के ज़िन्दगी में विरद करता हैं तो इसकी फ़ज़ीलत और बरकते जनता हैं
निचे हम ने Surah Yasin Sharif Ki 10 Fazilat बतलाई हैं अल्लाह के रसूल और साहब इकराम से साबित है
और सुरह यासीन का नमाज़ी अमल जो शाबान के महीने में शब् ए बारात के दिन पढ़ी जाती हैं जो आप किसी आम महीनो में भी पढ़ सकते है ये निचे दी हैं
6 नवाफिल नमाज़ और बादे नवाफिल नमाज़ के हर दो रकत के बाद Yasin Sharif Ki Tilawat करके अपने मुरदो को अल्लाह के नजदीक रखे और इंशाअल्लाह पूरा होता पाए
सुरह यासीन शरीफ ये अल्लाह का एक ऐसा कलम हैं जिसकी फ़ज़ीलत अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहो अलैवसल्लम ने बयान किया हैं
और अल्लाह के रसूल के बाद इस Qurani Kalam को हर अल्लाह के नेक बन्दों सहाबा इकराम , ताबईन, तबे ताबईन और बड़े बड़े ओलमा ने Fazilat बया की हैं।
Surah Yasin Sharif Ki 10 Fazilat In Hindi
Sura यासीन कुरआन का दिल है जो इसे अल्लाह की रिज़ा और आखि़रत की बेहतरी के लिये पढ़ेगा उस की मरिफ़रत कर दी जाएगी ।
( 2 ). हज़रते सय्यदुना अनस से रिवायत है कि रसूले अकरम , नूरे मुजस्समसँग जंक ने फ़रमाया : बेशक हर चीज़ का एक दिल है और कुरआन का |
दिल सूरए यासीन है और जो एक मर्तबा सूरए यासीन पढ़ेगा अल्लाह तआला उस के लिये दस मर्तबा कुरआन पढ़ने का सवाब लिखेगा ।
( 3 ). हज़रते सय्यदुना इब्ने अब्बास से रिवायत है कि नबिय्ये अकरम , नूरे मुजस्सम , सरकारे दो आलम ने फ़रमाया : मेरी ख़्वाहिश है कि Sura यासीन मेरी उम्मत के हर इन्सान के दिल में हो ।
( 4 ). हज़रते सय्यिदुना अनस all till ill ) से रिवायत है कि हुज़ूरे अकरम , रसूले मुहूतशम , शाहे बनी आदम ने फ़रमाया : जो शख़्स हमेशा हर रात Yasin Sharif Ki Tilawat करता रहा फिर मर गया तो वोह शहीद मरेगा ।
( 5 ). हज़रते सय्यदुना अता बिन अबू रबाह से रिवायत है कि शहनशाहे मदीना , सुरूरे कल्बो सीना ने इर्शाद फ़रमाया : जो शख़्स दिन की इब्तिदा में Yaseen Sharif Ki Tilawat करेगा , उस की हाजात पूरी कर दी जाएंगी ।
( 6 ). हज़रते सय्यिदुना इब्ने अब्बास फरमाते हैं : जो शख़्स ब वक्ते सुबह Yaseen Sharif Ki Tilawat करे उसे शाम तक उस दिन की आसानी अता की गई और जिस शख़्स ने रात की इब्तिदा में इस की तिलावत की उसे सुबह तक उस रात की आसानी दी गई ।
( 7 ). हज़रते सय्यिदुना जाबिर बिन समुरह जाळोग जमा से मरवी है फ़रमाते हैं : हुज़ूरे पाक , साहिबे लौलाक सुबह के वक़्त Yaseen Sharif Ki Tilawat फ़रमाया करते थे ।
( 8 ). हज़रते सय्यदुना अबू किलाबा रिवायत है , वोह फ़रमाते हैं : जिस ने सूरए यासीन की तिलावत की उस की मरिफ़रत हो जाएगी , जिस ने भूक के वक़्त पढ़ी वोह सैर हो जाएगा ,
जो रास्ता भूल जाने के वक़्त पढ़े उसे रास्ता मिल जाएगा , जो गुमशुदा चीज़ के लिये पढ़े उसे पा लेगा और जिस ने खाने के वक्त उस के कम होने की हालत में तिलावत की तो वोह उसे किफ़ायत करेगा ,
जिस ने किसी मरने वाले के पास इस की तिलावत की उस पर नरमी की जाएगी , जिस ने किसी ऐसी औरत के पास इस की तिलावत की जिस पर बच्चे की विलादत तंग हो उस पर आसानी होगी
और जिस ने इस की तिलावत की गोया कि उस ने ग्यारह मर्तबा कुरआने पाक की तिलावत की और हर चीज़ के लिये दिल है और कुरआन का दिल Sura यासीन है ।
( 9 ). हज़रते सय्यदुना अबू जा ' फर मुहम्मद बिन अली से रिवायत है फ़रमाते हैं : जो शख़्स अपने दिल में सख़्ती पाए तो वोह एक पियाले में ज़ा ' फ़रान से लिखे फिर उसे पी जाए ।
( 10 ). हज़रते सय्यदुना अबू हुरैरा से मरवी , है कि अल्लाह के महबूब , दानाए गुयूब , ने फ़रमाया : जिस ने अल्लाह तआला की रिज़ा पाने के लिये किसी भी शब में Yasin Sharif Ki Tilawat की तो उस की मग़िफ़रत कर दी जाएगी ।
Surah Yasin Sharif नमाज़ी अमल 6 रकात In Hindi
शाबान (शब् इ बारात) या आम महीनो में कभी भी पढ़ी जाने वाली मगरिब के बा'द छ नवाफ़िल :नमाज़ की नियत
मा मूलाते औलियाए किराम से है कि मगरिब के फ़र्ज़ व सुन्नत वगैरा के बाद छ रक्अत नफ़्ल दो दो रक्अत कर के अदा किये जाएं ।
पहली दो रक्तों से पहले येह निय्यत कीजिये : " या अल्लाह इन दो रक्तों की ब र कत से मुझे दराजिये उम्र बिलखैर अता फरमा । "
दूसरी दो रक्तों में येह निय्यत फ़रमाइये : " या अल्लाह इन दो रक्तों की ब र कत से बलाओं से मेरी हिफ़ाज़त फ़रमा । "
तीसरी दो रक्तों के लिये येह निय्यत कीजिये : “ या अल्लाह इन दो रक्तों की ब र कत से मुझे अपने सिवा किसी का मोहताज न कर । "
नमाज़ का तरीका
हर दो रक्त के बा'द इक्कीस 21 बार ( पूरी सूरत ) या एक बार Sura यासीन शरीफ़ पढ़िये बल्कि हो सके तो दोनों ही पढ़ लीजिये ।
येह भी हो सकता है कि कोई एक इस्लामी भाई बुलन्द आवाज़ से यासीन शरीफ़ पढ़ें और दूसरे ख़ामोशी से खूब कान लगा कर सुनें ।
इस में येह ख़याल रहे कि दूसरा इस दौरान ज़बान से यासीन शरीफ़ बल्कि कुछ भी न पढ़े और येह मस्अला खूब याद रखिये कि जब कुरआने करीम बुलन्द आवाज़ से पढ़ा जाए तो जो लोग सुनने के लिये हाज़िर हैं
उन पर फ़र्ज़े ऐन है कि चुपचाप ख़ूब कान लगा कर सुनें ! रात शुरू होते ही सवाब का अम्बार लग जाएगा । हर बार Surah Yasin Sharif के बा ' द " दुआए निस्फ़े शा बान " भी पढ़िये ।
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