islam में humbistari karne से पहले suhagraat ki dua, हमबिस्तरी से पहले शुक्राना namaz और niyat करना, और हमबिस्तरी पर hadees जान लेना चाहिए
इस पोस्ट में Humbistari Ki Dua In Hindi में और Suhagraat Kane Ka Tarika दी गई हैं इस्लाम में हर काम शुरू करने से पहले हर चीज की दुआ हैं और इस्लाम में कोई भी काम शुरू करने से पहले दुआ का पढ़ना बा बरकत अज़ीम काम हैं
दुआ पहले पढ़ने से शैतान उस काम में शरीक नहीं हो पाता। अब अगर शोहर अपनी बीवी के साथ हमबिस्तरी का इरादा करता हैं और करने लगता हैं बिना दुआ पढ़े तो शैतान उस काम में शरीक हो जाता हैं
इस लिए शैतान से बचने के लिए Dua Ka Padhna लाज़िमी और जरुरी हैं।
Humbistari Ki Dua
नमाज़ और दुआ पढ़ लेने के बाद दुल्हन दूल्हा सुकून व इत्मीनान से बैठ जाऐं । फिर उसके बाद दूल्हा अपनी दुल्हन की पेशानी के थोड़े से बाल अपने सीधे हाथ में नर्मी के साथ मुहब्बत भरे अंदाज़ में पकड़े और ये दुआ पढ़े :
Humbistari Ki Dua In Hindi
"अल्लाहुम्मा इन्नी असलका मीन खैरे हाउ खैरा मा जब्लतिहा अलैहे व ओज़ू बिका मिनशररे हाऊ शाररे माज़िब लते हा अलैहे"
तर्जुमा : " ऐ अल्लाह ! मैं तुझ से इस ( बीवी ) की भलाई और ख़ैर व बरकत माँगता हूँ और इसकी फितरी आदतों की भलाई और तेरी पनाह चाहता हूँ इसकी बुराई और फितरी आदतो की बुराई से ।
Humbistari Ki Dua पर Hadees In Hindi
"हज़रत उमरा बिन शोब ( रजि . ) से रवायत है कि सराकरे आलम ( स.अ.व. ) इरशाद फरमाते हैं :
“ जब कोई शख्स निकाह करे और पहली रात को अपनी दुल्हन के पास जाए तो नर्मी के साथ उसकी पेशानी के थोड़े बाल अपने सीधे हाथ में लेकर ये दुआ पढ़े । "
( वही दुआ जो हम ऊपर बयानप कर चुके )
( अबू दाऊद शरीफ जिल्द 2 वाब 123 हीदस -393 सहा- 150+ हिस्ने हसीन सपहा - 164 )
इस दुआ की फजीलतः शबे जुफाफ के रोज़ इस दुआ को पढ़ने की फजीलत में उलमाए किराम इरशाद फरमाते हैं :
" अल्लाह रब्बुलइज्त उसके पढ़ने की बरकत से मियाँ बीवी के दरमियान इत्तिहाद व इत्तिफ़ाक़ और मुहब्बत काइम रखेगा और औरत में अगर बुराई हो तो उसे दूर करा कर उसके जरीए नेकी फैलाएगा और औरत हमेशा शौहर की ख़िदमत गुज़ार , वफादार और फ़रमाँबरदार रहेगी । "
अगर हम इस दुआ के मानों पर गौर करें तो हम पाऐंगे कि इसमें हमारे लिए कितने अमन व सुकून का पैगाम है ।
ये दुआ हमें दर्स देती है कि किसी भी वक़्त इंसान को यादे इलाही से गाफिल न होना चाहिए बल्कि हर वक़्त , हर मामले में अल्लाह की रहमत का तलबगार रहे । लिहाजा इस दुआ को शादी की पहली रात ज़रूर पढ़े ।
Humbistari Ka Tarika In Islam
शबे जुफाफ ( सुहाग रात ) के आदाब जब दूल्हा दुल्हन कमरे में जाऐं और तन्हाई हो तो बेहतर ये है कि सब से पहले दुल्हन , दूल्हा देनों वजू कर लें,
और फिर जाए नमाज़ या कोई पाक कपड़ा बिछा कर दो रकअत नमाज़ नफ़ले शुक्राना पढ़ें । अगर दुल्हन लेकिन दूल्हा ज़रूर पढ़े । हना हैज की हालत में हो तो नमाज़ न पढ़े
Humbistari Hadees
हज़रत अब्दुल्लाह इब्न मसऊद ( रजि . ) फ़रमाते हैं : " एक शख़्स ने उनसे बयान किया कि मैंने एक जवान लड़की से निकाह कर लिया है और मुझे अंदेशा है कि वह मुझे पसंद नही करेगी । हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसऊद ( रजि . ) ने फरमायाः "
" मुहब्बत व उलफत अल्लाह की तरफ से होती है । और नफरत शैतान की तरफ से जब तुम अपनी बीवी के पास जाओ सब से पहले उससे कहो कि वह तुम्हारे पीछे दो रकअत नमाज़ पढ़े ।
इंशाअल्लाह तुम उसे मुहब्बत करने वाली और वफा करने वाली पाओगे । "
( गुनयतुत्तालिबीन बाब 5 सपहा 115 )
Humbistari से पहले Namaz Ki Niyat
नमाज की नीयतः नीयत की मैंने दो रकअत नमाज़ नफ़्ल शुक्राने की वासते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ " अल्लाहुअकबर "
फिर जिस तरह दूसरी नमाजें पढ़ी जाती हैं उसी तरह ये नमाज़ भी पढ़े ( यानी अलहमदुलिल्लाह शरीफ , फिर कोई एक सूरत मिलाए । )
नमाज़ के बाद इस तरह से दुआ करे : " ऐ अल्लाह ! तेरा शुक्र व एहसान है कि तूने हमें ये दिन दिखाया और हमें इस खुशी व नेमत से नवाज़ा और हमें अपने प्यारे हबीब ( स.अ.व. ) की उस सुन्नत पर अमल करने की तोफीक अता फ़रमाई
ऐ अल्लाह ! हमारी इस खुशी को हमेशा इसी तरह काइम रख । हमें मेल मिलाप , प्यार व मुहब्बत के साथ इत्तिफाक व इत्तिहाद की ज़िन्दगी गुज़ारने की तौफीक अता फरमा ।
ऐ रब्बे क़दीर ! हमें नेक , सालेह और फरमाँबरदार औलाद अता फ़रमा ।
ऐ अल्लाह ! मुझे इससे और इसको मुझ से रोज़ी अता फ्रमा और हम पर अपनी रहमत हमेशा काइम रख और हमें ईमान के साथ सलामत रख । आमीन !
तो नाज़रीन ये था Humbistari Ki Dua और Humbistari Ka Tarika In Islam और हमबिस्तरी से पहले की Shukrana Namaz Ka Tarika और इस्लाम में Shuhagraat पर Hadees Sharif Hindi में ।
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