Jane Bakra Eid ki namaz ka tarika, ek saral aur aasaan vidhi, jisse aap apne Mann se apne Khuda ki ibadat kar sakte hain. Is pavitra anushthan ke prat
बकरा ईद, जिसे हम ईद उल अधा के नाम से भी जानते हैं, एक ख़ास त्योहार है जिसे मुसलमान सारी दुनिया में मानते हैं। इस दीन, लोग मस्जिद में जमा होकर "Bakrid Ki Namaz" अदा करते हैं। यह नमाज़ अल्लाह को खुश करने के लिए की जाति है और इसे अक्सर इमाम या मस्जिद के मौलाना जरिये अदा किया जाता है।
Bakrid Ki Namaz Padhne Ka Tarika में हम मस्जिद में जमा होते हैं और एक इमाम हमें नमाज का तारिका दिखाते हैं। हम वुज़ू करते हैं और फिर नमाज शुरू होती है। नमाज़ में तकबीर से शुरू होती है, जिस्म हम अपने हाथ कानो तक उठा कर "अल्लाहु अकबर" कहते हैं। फिर हम कुरान से कुछ सूरा और दुआ पढ़ते हैं। नमाज में रुकू (झुकना) और सज्दा भी करते हैं, जिसके दौरन हम अल्लाह की तारीफ करते हैं।
Eid Ul Adha Ki Namaz Padhne Ka Tarika एक पाक है, जिस्म हम अपने मन और शरीर को अल्लाह के सामने झुकाते हैं। यह नमाज एक साथ जमा होकार अदा की जाति है, जो की वाज़िब हैं और जिससे हम भाईचारा और प्यार का बतलाते हैं।
इस तरह से, बकरा ईद की नमाज का तारिका हमें अल्लाह की इबादत करने और साथ में खुशी और मिलाप का जश्न मनाने का मौका देता है।
Bakrid Ki Namaz Padhne Ka Tarika - बकरीद की नमाज पढ़ने का तारिका
वजू : ईद उल आधा की नमाज के लिए वुडू करें, जैसा कि आप किसी भी नमाज के लिए करते हैं।
इरादा (नियत) : ईद उल अधा की नमाज करने का इरादा (नियत) करें। इरादा को इस तरह बयान कर सकते हैं:
"नियत की मैंने दो रकअत नमाज़ वाजिब ईदुल अज़्हा की मय ज़ाइद 6 तकबीरों के, वास्ते अल्लाह तआला के, पीछे इस इमाम के, मुंह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़"
तकबीर: नमाज़ को 'तकबीर' कहकर शुरू करें। दोनो हाथ कानो तक उठा कर 'अल्लाहु अकबर' कहें।
शुरूति दुआ: तकबीर के बाद, अपने दिल में सना दुआ पढें, जैसे "सुभानका अल्लाहुम्मा वा बिहमदिका, वा तबारकसमुका, व ता'ला जद्दुका, व ला इलाहा गैरुक" (महिमा है तेरी, ओ अल्लाह, और तुझको सब तारीफ है। तेरी बरकत है और तुझसे अजमत है। तुझसे बढ़कर कोई माओद नहीं है)।
सना पढ़ने के बाद फिर कानो तक हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर कहता हुआ हाथ छोड दे, फिर दूसरी बार कानों तक हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर कहकर हाथ छोड दे, फिर तीसरी बार हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर कह कर बाँध लें,
तिलावत: पहले रकात में सूरह अल-फातिहा (क़ुरआन का शुरुआती सूरह) और कोई एक और सूरह पढेन।
रुकू: झुकने का पोजीशन (रुकू) लेकर खुदा की तारीफ करें, तीन बार "सुभाना रब्बियाल अधीम" कहकर।
रुकू से उठना: रुकू से सीधा खड़े होजायें और "सामी अल्लाहु लिमन हमीदह" कहें।
पहला सजदा : सजदा करें और माथे, नाक, हाथ, घुटने और पंजे को जमीन पर मजबूती से रखें। सजदे में, तीन बार "सुभाना रब्बियाल आ'ला" कहें।
सजदे से उठना: सजदे से उठकर, दो सज्जनों के बीच थोड़ी देर के लिए बैठें। फिर, दूसरी बार सजदा करें।
दूसरा सजदा : सजदा करें और माथे, नाक, हाथ, घुटने और पंजे को जमीन पर मजबूती से रखें। सजदे में, तीन बार "सुभाना रब्बियाल आ'ला" कहें।
दूसरी रकात: दूसरी रकत में फिर से सूरे फहतीअ और कोई सूरा पढ़े और फिर पढ़ने के बाद फिर कानो तक हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर कहता हुआ हाथ छोड दे,
फिर दूसरी बार कानों तक हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर कहकर हाथ छोड दे,
फिर तीसरी बार हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर कह कर बाँध लें,
चौथी बार अल्लाह हुअक्बर कहे और बगैर हाथ उठाए रुकू में चले जाए।
तशह्हुद: दूसरे सजदे के बाद, अपनी बये तांग पर बैठक, अपनी दये पांव को सीधा रखें और तशह्हुद पढ़ें और अपनी नमाज़ मुकम्मल करे।
Conclusions :
तो दोस्त, Bakrid Ki Namaz Padhne Ka Tarika एक पाक और इस्लामिक पहचान है, जिसे मुसलमान सारी दुनिया में धूम धाम के साथ मानते हैं। इस नमाज के जराये हम अल्लाह के सामने अपने शरीर और मन का समर्पण करते हैं। हम मस्जिद में जमा होकर नमाज अदा करते हैं, इमाम की साथ मिलकर।
इस नमाज में हम वुजू करते हैं, तकबीर से शुरू करते हैं और कुरान की तिलावत करते हैं। रुकू और सजदा करके हम अल्लाह की बढ़ाई करते हैं और अपने प्यारे अल्लाह से दुआ मांगते हैं। क्या नमाज के जरिये से हम एक दूसरे के साथ एकता और प्रेम का मेसेजेस भी देते हैं।
Bakra Eid Ki Namaz Ka Tarika हमें समझौता है कि हम अपने मजहबी नियमो को निभाने के लिए एक साथ जमा हो सकते हैं। यह हमारे मन को शांति और सुकून देता है और हमें अल्लाह के करीब ले जाता है। इस तरह से, ये नमाज एक पवित्र तथा सुकून एक्सपीरियंस है, जिस्म हम अपने मन से अपने खुदा की इबादत करते हैं।
तो दोस्तों, बकरा ईद की नमाज का तारिका हमें धार्मिक साथ-साथ और प्रेम के संदेश को याद दिलाता है। क्या पाक ईद के माध्यम से हम अपने खुदा से प्रेम और शुक्राना व्यक्त करते हैं और समाज में एकता का संदेश प्रकट करते हैं।
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