Taraweeh Ki Namaz Ka Tarika - तरावीह की नमाज़ का तारिका In Hindi Taraweeh Ki Namaz Ka Tarika - तरावीह की Dua/Niyat/Fazilat In Hindi
रमज़ान का महीना मुसलमानो के लिए बहुत अहम होता है। ये महीना रोजा, तफक्कुर और अल्लाह की इबादत में इजाफा का वक्त होता है।
एक ऐसी इबादत जो रमज़ान में खास अहमियत रखती है, वो है तरावीह की नमाज, जो हर रात को अदा की जाती है।
इस आर्टिकल में, हम सुन्नी इमाम जफर सादिक की मशहूर मशवराद के मुताबिक 20 रकअत Taraweeh Ki Namaz Ka Tarika को अदा करने का एक मुकम्मल गाइड देंगे। In Hindi में.
Taraweeh Ki Namaz Ka Tarika - तरावीह की नमाज़ का तारिका In Hindi
तरावीह नमाज़ की अहमियत: Taraweeh KI Fazilat
तरावीह नमाज़ इस्लाम में बहुत अहमियत रखती है, ख़ासकर रमज़ान के महीने में। ये इबादत अल्लाह से माफ़ी, रहमत और बरकत की तलब में मुसलमानों को मदद मिलती है। रात के लम्बी इबादत मुसलमानों की रूहानी तअल्लुक़त को गहरा करती है, जमात की इत्तिफ़ाक को मज़बूत करती है और ईमान और इबादत की मोहब्बत को तक़वियत देती है।
Taraweeh Ki Namaz Padhne से पहले namaz ki Niyat नियति (इरादा):
तरावीह नमाज़ की इबादत शुरू करने से पहले, दिल में सच्ची नियत बनाना ज़रूरी है। नियत सिर्फ अल्लाह की रज़ा और उसके सवाब के लिए होनी चाहिए। हुज़ूर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया, "अमल किया जाता है नियत के मुताबिक।"
Taraweeh Ki Namaj से पहले ग़ुस्ल का तरीका
इबादत के लिए तय्यारी में पाक साफ होना बहुत जरूरी है। अगर अभी तक नहीं किया है, तो तरावीह की नमाज शुरू करने से पहले गुस्ल करना मुस्तहब है। ग़ुस्ल में पूरा जिस्म पानी से धोना शामिल है, जिसे अपने आप को इबादत के लिए पाक करने का मक़सद होता है।
Taraweeh Ki Namaj से पहले वुज़ू का तरीका
वुज़ू (स्नान) इबादत शुरू करने का ज़रूरी पहलू है। इस्में मुख़्तलिफ़ जिस्म के हिस्सो को पानी से धोना शामिल है। तरावीह की नमाज़ शुरू करने से पहले, वुज़ू करना ज़रूरी है ताकि अपने आप को नापाकी से पाक कर सकें। हुज़ूर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया, "सफाई ईमान का आधा हिस्सा है।"
Taraweeh ki Niyat / नियति के लिए दुआ:
तरावीह की नमाज अदा करने की नियत के बाद, दिल में एक खास दुआ पढ़ना जरूरी है। ये दुआ नियत और इबादत में समर्पण को दोबारा तसदीक करता है। दुआ ये है:
"नवायतु अन उसल्ली तरावीह अरब'एना रकतीन लिल्लाही ताला" (मैं ने अल्लाह तआला की तरफ से 20 रकअत तरावीह नमाज पढ़ने का इरादा किया है)।
Taraweeh Ki Namaz Padhne Ka Tarika IN Hindi
नमाज़ शुरू करना:
तरावीह की नमाज शुरू करने के लिए, किबला (काबा की तरफ) की तरफ मुंह करके खड़े होना जरूरी है। कानों तक हाथ उठाकर "तकबीरतुल-इहराम" पढ़ना है, जिसके साथ "अल्लाहु अकबर" कहना से नमाज़ की शुरुआत होती है।
रकत की तरतीब:
तरावीह की नमाज में 20 रकअत होती हैं, जो 2-2 रकअत की जमात में पढ़ती हैं। हर 2 रकात के बाद, थोड़ी देर (तरवीहा) का वक्त होता है, फिर अगले 2 रकात पढ़ने के लिए।
तिलावत:
हर रकात में सूरह अल-फातिहा (कुरान का पहला सूरह) के साथ एक और सूरह या कुरान की कुछ आयतें पढ़ी जाती हैं। इस्में सही तजवीद और याद की हुई सूरह पढनी चाहिए।
रुकू और सुजूद:
रुकु (जुकना) और सुजूद (सजदा) को अदब और ख़ुश से करना ज़रूरी है। रुकु में ऐसे झुकना चाहिए जहां हाथ आराम से घुटनो पर रख सकें, पीठ सीधी और सिर पीठ के साथ बराबर होनी चाहिए। सुजूद में, पिंडली, नाक, हाथ, घुटनों और पैरों को ज़मीन पर ठीक से रखें, अल्लाह के सामने बिल्कुल सजदा करते हुए।
तस्बीह (महिमा):
रुकू और सुजूद के दोरान "सुभाना रब्बियाल आला" जैसे कलीमात को तीन मरतबा पढ़ना चाहिए। ये तारीफ और इबादत का इजहार है जो नमाज को और भी पूरा करता है।
तशहुदके लिए बैठना:
हर 2 रकात पूरी होने के बाद, तशहुद के लिए बैठना है, सही दुआ पढ़कर हुजूर मुहम्मद ﷺ पर दुरूद भेजना है। ये वक्त अपने ईमान को तस्दीक करने का और इस्लाम की हिदायत के लिए शुक्र गुज़ारी का है।
अराम लेना:
तरावीह की नमाज के हर 2 रकअत के बीच में थोड़ी आराम लेना जरूरी है। और हर २ रकत के बाद taraweeh ki dua पढ़ना। इस वक्त को सही से इस्तमाल करें ताकि सांस ले सकें, अपने ध्यान को जमा कर सकें और अगले रकात के लिए तैयार हो सकें। ये आराम वक्त इबादत के महौल में तफक्कुर और आराम का वक्त देता है।
Taraweeh ki Dua - तरावीह की दुआ In Hindi
हिंदी में तरावीह की दुआ (Taraweeh ki Dua in Hindi)
- सुबहान ज़िल मुल्कि वल मलकूत। 🌟
- सुब्हान ज़िल इज्ज़ति वल अज़मति वल हय्बति वल कुदरति वल किबरियाई वल जबरूत। 🌟
- सुबहानल मलिकिल हैय्यिल लज़ी ला यनामु वला यमुतू सुब्बुहून कुददुसुन रब्बुना व रब्बुल मलाइकति वर रूह। 🌟
- अल्लाहुम्मा अजिरना मिनन नारि, या मुजीरू, या मुजीरू, या मुजीर। 🌟
अंग्रेजी में तरावीह की दुआ (Taraweeh ki Dua in English)
- Subhana zil mulki wal malakut, 🌟
- Subhana zil izzati wal azmati wal haibati wal qudrati wal kibriya ay wal jabaroot, 🌟
- Subhanal malikil hayyil lazi la yanaamo wala yamato subbuhun quddusun rabbuna wa rabbul malaikati war ruh, 🌟
- Allahumma ajirna minan naar, ya mujiro, ya mujiro, ya mujeer. 🌟
20 रकअत मुकम्मल करना:
20 रकात तरावीह की नमाज पूरी करने के लिए, 2-2 रकात की जमात में नमाज पढ़ते रहिए। अपने आप को कंट्रोल में रखें और हर रकात में ध्यान जमा करके नमाज अदा करें, ताकि हर रकात में अल्लाह के करीब का एहसास हो।
तरावीह के बाद दुआ : Taraweeh ke Baad ki Dua
20 रकात तरावीह की नमाज पूरी होने के बाद, हाथ उठाकर अल्लाह से माफ़ी, हिदायत और बरकत की दुआ करें। ये वक्त अपने जरुरत को लेकर, अपने और गरीब मुस्लिम उम्मत के लिए अल्लाह से रहमत की तालाब और शुक्र गुज़ारी का है।
नतीजा:
तरावीह की नमाज़ रमज़ान के महीने में एक क़दरमंद परंपरा है, जो मुसलमानों को रूहानी तरक्की, तफ़क्कुर और जमाती इबादत का मौका देती है। क्या आर्टिकल में दी गई मुकम्मल गाइड को अमल में लेकर, लोग Taraweeh Ki Namaz Ka Tarika को सच्ची और दिल से अदा कर सकते हैं, अल्लाह की रज़ा और इनायत की तालाब में। अल्लाह हमारी इबादत कुबूल फरमाये और हमें इस जिंदगी और आखिरी में कामयाबी दे। आमीन.