Magrib Ki Farz, Sunnat, aur Nafil Namaz Ki Niyat Ka Tarika Hindi
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Magrib ki namaz, जो शाम की नमाज़ है, दिन के मगरिब (sunset) के बाद farz होती है। क्या नमाज़ में 3 farz rak'aa होती हैं, जो एक सुन्नत और नफ़िल से पहले अदा की जाती हैं।
Sunnat-ए-मुअक्कदा के रूप में 2 रकअत हैं जो मगरिब के फर्ज नमाज के बाद पढ़नी चाहिए, और 2 nafil रकअत भी हैं जो फर्ज, सुन्नत के बाद अदा की जा सकती हैं।
niyat, यानी नमाज के लिए इरादा, नमाज को सही तरीके से अदा करने का मकसद होता है और इसका मतलब है कि इंसान अल्लाह की इबादत और फर्ज नमाजों को अदब से और ईमान के साथ अदा करना चाहता है।
नियत के बिना, नमाज का अहम मकसद और मकसूद नहीं समझा जा सकता, इसलिए नियत जरूरी है। Magrib ki namaz ka waqt सूरज ढल जाने से लेकर के वक्त से शुरू होता है और ईशा के पहले तक जारी रहता है।
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Magrib Ki 3 Rakat Farz Namaz Ki Niyat Ka Tarika
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Magrib Ki 2 Rakat Sunnat Namaj Ki Neeyat Ka Tariqa
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