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Isha ki namaz, रात के वक्त की नमाज है जो शाम के maghrib के बाद से ले कर सुबह से पहले तक अदा की जाती है। ईशा की नमाज़ में farz रुकन 4 रकअत हैं, जो नमाज़ की बुनियादी फ़र्ज़ियत को अदा करती हैं।
इसके साथ सुन्नत मुअक्कदा की 4 रकअत हैं, जो कि ईशा की फर्ज नमाज से पहले अदा कर लेना चाहिए, और इसके अलावा 2 रकात sunnat, 2 रकाअत nafhil, 3 रकात वाजिब, जिसका पढ़ना wajib यानि जरुरी हैं छोड़ें तो गुनहगार होंगे, और आखिर में 2 रकात wajib होती हैं, इस तरह कुल ईशा की नमाज में कुल 17 रकात होती हैं।
Isha Ki Namaz Ki Niyat (इरादा) नमाज का इरादा और अल्लाह के सामने इबादत का जज्बा होता है, जो हर एक नमाज के लिए जरूरी है। Niyat की वजह से नमाज़ का मक़सद और खुलूस बरक़रार रहता है। Isha ki namaz ki timing मगरिब के बाद से लेकर होता है।
Isha Ki Farz, Sunnat, Wajib aur Nafil Namaz Ki Niyat Ka Tarika Hindi
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Isha Ki 4 Rakat Farz Namaz Ki Niyat Ka Tarika
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Ishaa Ki 4 Rakat Sunnat Namaj Ki Neeyat Ka Tariqa
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Isha Ki 2 Rakat Sunnat Namaz Ki Niyaat Ka Tareeka
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Isha Ki 2 Rakat Nafil Namaz Ki Niyaat Ka Tareeka
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Isha Ki 3 Rakat Wajib Namaz Ki Niyaat Ka Tareeka
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Isha Ki 2 Nafil Namaj Ki नियत Ka Tarikaa
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ईशा की फर्ज, सुन्नत, वाजिब और नफिल नमाज की नियत का तारिका हिंदी
Isha ki namaz, रोजा और इबादत की नियत से भरी होती है जो हमारी दीनी जिंदगी का एक अहम हिस्सा है।
इसकी नियत से हम अल्लाह की इबादत और तक़वा का इज़हार करते हैं, जो हमारी रूहानियत को बढ़ाता है और क़ुर्बत का ज़रिया बनता है। नमाज, रोजा, और तरावीह के वक्त, सहरी और रोजा खोलने की नियत, और तहज्जुद की दुआ से हम अपनी इबादत को सही तरीके से अदा करते हैं।
हर नमाज की नियत हो, चाहे वो जुम्मा की हो, ईद की हो, या फर्ज हो, सुन्नत हो, नफिल हो, या वाजिब हो, हमारे दिल का इरादा और साफ नियत का इजहार है। नमाज की नियत का तरीका और उसकी दुआ, हमें अल्लाह के कुर्ब की तरफ ले जाती है।
नमाजों का तरीका, रोजा की नियत की दुआ, और रोजे के दौरन की दुआएं, सब हमारी इबादत को ज्यादा मकबूल और कबूल बनाते हैं। इस तरह, नियत, तरावीह, तहज्जुद, और नमाज़ों का तारिका, एक अच्छी और साफ नियत के साथ अदा करना हमें दीन के असली मक़सीद तक पोहंचता है, और हर इबादत को ज़्यादा सार्थक बनाना है।
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