इस लेख में मुहर्रम की फातिहा का आसान तरीका और साथ ही Muharram Ki Fatiha Ka Tarika हिंदी में और कुरान बख्शने का तरीका, फातिहा की दुआ बतलाया है
अगर आप भी मुहर्रम की फातिहा का आसान तरीका जानना चाहते है तो आप बिलकुल सही जगह पर आए है.
निचे हमने Muharram Ki Fatiha Ka Tarika के साथ कुरान बख्शने का तरीका बताया है और फातिहा में क्या क्या पढ़ना है सब तफ़्सीर से बताया है।
इस्लाम में मुहर्रम का महीना काफी अहम होता है। नतीजतन, कई मुस्लिम भाई पूछते हैं कि मुहर्रम में फातिहा कैसे करें। आज हम आपको एक आसान तरीका बताने जा रहे हैं क्योंकि मुहर्रम बेहद महत्वपूर्ण और फ़ज़ीलत महीना है।
यह एक महीना है, इसलिए आप मुहर्रम के पवित्र महीने में फातिहा करना सीख सकते हैं। आज हम उन लोगों के लिए फातिहा करने की तरीका समझा और बता रहे हैं जो की मुहर्रम की फातिहा का तरीका बहुत ही आसान और सरल है और इसे कोई भी अपने घर में दे सकता है
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मुहर्रम की फातिहा का तरीका - Muharram Ki Fatiha Ka Tarika
ऐसे में अगर आप फातिहा देना चाहते हैं तो आप निम्न सूरह इंशाअल्लाह पढ़ लें, आपका फातिहा पूरा हो जाएगा। आपको कुछ सूरह आयत और दुआ पढ़नी चाहिए। जो की निचे दी गई हैं। अगर आप को याद नहीं तो आप निचे देख करे पढ़ सकते है।
- सुरह फातिहा
- सुरह इख्लाश
- सुरह नाश
- सुरह फलक
- सुरह काफिरून
- सुरह बकरा
- आखिर में दुआ पढ़े
मुहर्रम की फातिहा देने का तरीका (बख्शने का तरीका)
निचे दिए गए सूरे और दरूद शरीफ पढ़ना हैं
सबसे पहले 11 बार दरूद शरीफ पढ़ना है, या आप जितने ज्यादा बार दरूद पढ़ सकते है उतने बार पढ़े। (जितना ज्यादा पड़ेंगे उतना ज्यादा सवाब)
- फिर एक बार सूरे फातिहा।
- उसके बाद सूरे इखलास 3 बार या 5 बार पढ़ना हैं।
कुल हुवल लाहू अहद, अल्लाहुस समद, लम यलिद वलम यूलद, वलम यकूल लहू कुफुवन अहद.
- फिर सूरे कौसर एक बार पढ़ना है।
इन्ना आतैना कल कौसर, फसल्ली लिरब्बिका वन हर, इन्ना शानियाका हुवल अब्तर
- फिर सूरे नास एक बार।
कुल आउज़ू बी रब्बिन्नास, मलिकिन- नास, इलाहिन- नास, मिन शर्रिल वास्वसिल खन्नास, अल- लजी युवास्विसू फी सुदुरिन्नास, मीनल जिन्नती वन्नास
- फिर सूरे फलक एक बार।
मिन शर्री मा खलक़, वा मिन शर्री गासिकिन इजा वकब, वा मिन शर्रीन नाफ्फासाती फिल उकद, वा मिन शर्री हसिदिन इज़ा हसद.
- फिर सूरे काफिरून एक बार।
कुल या अय्यूहल काफिरून, ला आ- बुदू मा ता’बुदून, वला अंतुम आ बि दूना मा आबुद, वला अना आबिदुम मा आ बद्दतुम, वला अंतुम आ बि दूना मा आबुद, लकुम दीनुकुम वलिया दीन
- फिर सुरह बकरा एक बार।
जरुरी: (ऊपर दिए गए सूरे में से आप को जो सूरे याद है आप वो भी पढ़ सकते है जरुरी नहीं आयते पढ़ना जरुरी है। अगर पूरी पढ़लेंगे तो सवाब भी उतना होगा।
ऊपर में सूरे आप एक बार या उससे भी ज्यादा बार पढ़ सकते है। जितने ज्यादा बार पढ़ेंगे उतनी ही ज्यादा सवाब।
दरूद शरीफ आप को मुहर्रम की फातिहा या कोई भी फातिहा के पहले और फातिहा ख़तम होने के बाद पढ़ना है। )
मुहर्रम की फातिहा की दुआ और कुरान बख्शने का तरीका
फातिहा मुकम्मल होने के बाद सूरे और आयते पढ़ने के बाद आप को दुआ के लिए हाथ उठाना है और दो जानू बैठ जाना है। या जैसा मुनासिफ लगे बैठ जाए। और कहे।
- सबसे पहले अल्लाह की हम्दो सना यानि अल्लाह की तारीफ करना है।
[या अल्लाह तू रहीम है करीम है जब्बार है सतत्तर है तू ही देने वाला है तू ही करम करने वाला है हम तेरे भिखारी है और तेरे से ही मांगने वाले है।]
आप जो जो अल्लाह के शान में कह सकते है कह दे।
- अल्लाह के हम्दो सना के बाद जो भी पढ़ा है उसको बक्शे।
[मैंने जो कुछ भी पढ़ा या अल्लाह तू इसे क़ुबूल फरमा और इसका सवाब अल्लाह के रसूल मोहम्मदी अरबी सल्लल्लाहो अलेवसल्लम को पंहुचा और इसका सवाब सहाबा इकराम, तबे ताबईन को अत फरमा , अहले बैथ को फरमा, रसूल के वल्दा और वालिद को अता फरमा, गॉस पाक को अत फरमा, गरीब नवाब और तमाम औलिया और ज़िंदा वलियो, तेरे नेक बन्दों को, तमाम मख़लूक़ात को, तमाम मरहूमात को, तमाम जिन्नातो को सवाब अत फरमा।] (और अपने घर के मरहूमात का भी नाम लेले।)
- इतना पढ़ने के बाद यह कहे। (बख्शने का तरीका)
[जो कुछ भी पढ़ा इस का सवाब ख़ुसूस बिलख़ुसू इमाम हुसैन और कर्बला के तमाम शहीदों को इस फातिहा का सवाब अता फरमा।
इतना दुआ पढ़ने के बाद, अपने हक़ में दुआ करे अपने माँ, बाप अपने रिश्तेदारों, पड़ोसियों, अल्लाह के रसूल की उम्मती के लिए जरूर दुआ करे।
सीरिया के मुसलमानो के लिए दुआ करे।
हिंदुस्तान के मुसलमानो के लिए दुआ करे।
और तमाम दुनिया में जहा मुस्लमान बस्ता है सब के लिए दुआ करे।]
खूब रो रो कर इमाम हुसैन का वसीला देकर और कर्बला के शहीदों और मुहर्रम महीने का वसीला देकर अल्लाह की बारगाह में दुआ करे।
मुहर्रम की फातिहा के लिए जरुरी
- मुहर्रम के महीने में फातिहा कोनसे दिन दे?
मुहर्रम के महीने में फातिहा कोई भी दिन या पुरे महीने में दे सकते है, मगर खास तारीख 10 मुहर्रम की है।
- मुहर्रम के महीने में फातिहा किस के नाम से दी जाती है?
मुहर्रम के महीने में फातिहा इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों के नाम से दी जाती है।
- मुहर्रम में किन चोजो पर फातिहा दे?
मुहर्रम में कोई भी हलाल और पाक साफ़ खाने की चीज पर फातिहा दे सकते है।
- इमाम हुसैन कोण है ?
- इमाम हुसैन हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलेवसललम के नवासे है।
- इमाम हुसैन हज़रात अली रदिअल्लहु अन्हु के लड़के है।
- इमाम हुसैन बीबी फातिमा के लड़के है।
- इमाम हुसैन हज़रात हसन रदिअल्लहु अन्हु के छोटे भाई है।