Khwaja Garib Nawaz Moinuddin Chishti Ki Karamat In Hindi, ख्वाजा गरीब नवाज मोईनुद्दीन चिश्ती का इतिहास और पृथ्वीराज चौहान की मौत कैसे हुई, की फोटो, जन
Khwaja Garib Nawaz Moinuddin Chishti Ki Karamat की बात करे तो जब अल्लाह का नेक बंदा Khawaja E Khwajgan अपनी पूरी उम्र ज़िन्दगी अल्लाह के अहकाम की बजा आवरी और उस के ज़िक्र में बसर करते हैं ,
दुन्यवी लज़्ज़तों और दुनिया की तमाम चीजों से अपने मन को मोड़ कर, छोड़ कर तब्लीग व इबादत दीन में गुज़ार देते हैं
तो अल्लाह Khwaja Garib Nawaz को बतौरे इन्आम आखि़रत में तो बुलन्दो बाला दरजात और बेशुमार नेमतों से सरफ़राज़ फ़रमाता ही है
लेकिन दुन्या में भी उन के मक़ाम व मर्तबे को लोगों पर ज़ाहिर करने के लिये कुछ ख़साइस व करामात (Mircle) अता फ़रमाता है ।
ख़्वाजा गरीब नवाज़ को भी अल्लाह ने बे शुमार करामात (Mircle) से नवाज़ रखा था , आइये , उन में से चन्द Karamat In Hindi में पढ़िये और अपने दिलों में Auliya Ikram की महब्बत को जगाइये !
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Khwaja Garib Nawaz Moinuddin Chishti Ki 6 Karamat In Hindi
ख्वाजा गरीब नवाज़ साहब की 6 मशहूर करामाते और इन करामात (Mircle) से हर सुन्नी अक़ीदा मोमिन को सिखने के लिए अल्लाह के रस्ते नेक हिदायत।
( 1 ) मुर्दा जिन्दा कर दिया
एक बार Ajmer Sharif के हाकिम ने किसी शख्स को बे गुनाह सूली पर चढ़ा दिया और उस की मां को कहला भेजा कि अपने बेटे की लाश ले जाए ।
दुख्यारी मां ग़म से निढाल हो कर रोती हुई हज़रते Khwaja Garib Nawaz की बारगाहे बे कस पनाह में हाज़िर हुई और फ़रयाद करने लगी :
आह ! मेरा सहारा छिन गया , मेरा घर उजड़ गया , मेरा एक ही बेटा था हाकिम ने उसे बे कुसूर सूली पर चढ़ा दिया ।
येह सुन कर आप जलाल में आ गए और फ़रमाया : मुझे उस की लाश के पास ले चलो । जूं ही आप लाश के करीब पहुंचे तो इशारा कर के फ़रमाया :
ऐ मक्तूल ! अगर हाकिमे वक़्त ने तुझे बे कुसूर सूली दी है तो अल्लाह के हुक्म से उठ खड़ा हो । लाश में फ़ौरन हरकत पैदा हुई और देखते ही देखते वोह शख़्स जिन्दा हो कर खड़ा हो गया ।
( 2 ) अजाबे कब्र से रिहाई
हज़रते सय्यिदुना बख़्तियार काकी फ़रमाते हैं : हज़रते सय्यदुना ख़्वाजा गरीब नवाज़ अपने एक मुरीद के जनाजे में तशरीफ़ ले गए , नमाज़े जनाज़ा पढ़ा कर अपने दस्ते मुबारक से कब में उतारा ।
तदफ़ीन के बाद एक एक कर के सब लोग चले गए मगर हुज़ूर Khwaja Garib Nawaz कब्र के पास तशरीफ़ फ़रमा रहे । अचानक आप गमगीन हो गए ।
कुछ देर के बा'द आप की ज़बान पर जारी हुवा और आप मुतमइन हो गए । मेरे इस्तिफ़्सार पर फ़रमाया :
इस के पास अज़ाब के फ़िरिश्ते आ गए थे जिस की वजह से मैं परेशान हो गया इतने में मेरे मुर्शिदे गिरामी हज़रते सय्यदुना ख़्वाजा उस्मान हारवनी तशरीफ़ लाए और फ़िरिश्तों से कहा :
येह बन्दा मेरे मुरीद मुईनुद्दीन का मुरीद है , इस को छोड़ दो । फ़िरिश्तों ने कहा : येह बहुत ही गुनहगार शख़्स था ।
यकायक गैब से आवाज़ आई : ऐ फ़िरिश्तो ! हम ने उस्मान हारवनी के सदके मुईनुद्दीन चिश्ती के मुरीद को बख़्श दिया
( 3 ) छागल में तालाब
हुज़ूर ख़्वाजा गरीब नवाज़ के चन्द मुरीद एक बार Ajmer Sharif के मशहूर तालाब अना सागर पर गुस्ल करने गए तो काफ़िरों ने शोर मचा दिया कि येह मुसलमान हमारे तालाब को ' नापाक ' कर रहे हैं ।
इसलिए, वोह हज़रात लौटे और सारा माजरा Khwaja Garib Nawaz नवाज की खिदमत में अर्ज कर दिया ।
आप ने एक खादिम को छागल ( पानी रखने का मिट्टी का बरतन ) देते हुवे इरशाद फ़रमाया : इस में तालाब का पानी भर लाओ ।
खादिम ने जूं ही पानी भरने के लिये छागल तालाब में डाला तो उस का सारा पानी छागल में आ गया ।
लोग पानी न मिलने पर बे क़रार हो गए और आप की खिदमते सरापा करामत में हाज़िर हो कर फ़रयाद करने लगे
इसलिए, आप ने खादिम को हुक्म दिया कि जाओ और पानी वापस तालाब में उंडेल दो । खादिम ने हुक्म की ता ' मील की तो अना सागर फिर पानी से लबरैज़ हो गया ।
( 4 ) अल्लाह वालों का तसरुफ़
आप का एक मुरीद राजा के हां मुलाज़िम था । राजा को जब अपने उस मुलाज़िम के इस्लाम लाने की ख़बर हुई तो उस पर जुल्म करने लगा ।
हुजूर ख़्वाजा गरीब नवाज़ को पता चला तो आप ने राजा को जुल्म से बाज़ रहने का हुक्म भेजा लेकिन वोह ज़ालिमो जाबिर शख़्स इक्तिदार के नशे में मस्त था कहने लगा :
येह कौन आदमी है जो यहां बैठ कर हम पर हुक्म चला रहा है ? आप को ख़बर पहुंची तो फ़रमाया : हम ने उसे गिरिफ्तार कर के लश्करे इस्लाम के हवाले कर दिया ।
अभी चन्द ही दिन गुज़रे थे कि सुल्तान मोइजुद्दीन मुहम्मद गौरी ने उस शहर पर हुम्ला कर दिया ।
राजा अपनी फ़ौज के हमराह मुकाबला करने आया मगर लश्करे इस्लाम की जुरअत व बहादुरी के आगे ज़ियादा देर न ठहर सका,
बिल आखिर हथयार डाल कर इब्रत नाक शिकस्त से दो चार हुवा और सिपाहियों ने उसे ज़िन्दा गिरिफ्तार कर के इन्तिहाई जिल्लत के साथ सुल्तान गौरी के सामने पेश कर दिया ।
( 5 ) हर रात तवाफ़े काबा
हज़रते सय्यदुना ख़्वाजा गरीब नवाज़ का कोई मुरीद या अहले महब्बत अगर हज या उमरह की सआदत पाता और तवाफ़े का ' बा के लिये हाज़िर होता तो देखता कि ख़्वाजा गरीब नवाज़ तवाफ़े का'बा में मश्गूल हैं ,
उधर अहले खाना और दीगर अहबाब येह समझते कि आप अपने हुजरे में मौजूद हैं ।
बिल आख़िर एक दिन येह राज़ खुल ही गया कि आप बैतुल्लाह शरीफ़ हाज़िर हो कर सारी रात तवाफ़े का ' बा में मश्गूल रहते हैं,
और सुबह Ajmer Sharif वापस आ कर बा जमाअत नमाज़े फुज्र अदा फ़रमाते हैं ।
( 6 ) अनोखा खज़ाना
हुज़रते सय्यदुना Khwaja Garib Nawaz Moinuddin Chishti के आस्तानए मुबारका पर रोज़ाना इस क़दर लंगर का एहतिमाम होता कि शहर भर से गुरबा व मसाकीन आते और सैर हो कर खाते ।
खादिम जब अख़ाजात के लिये आप की बारगाह में दस्त बस्ता मुसल्ले का कनारा उठा देते जिस के नीचे अल्लाह की रहमत से ख़ज़ाना ही खज़ाना नज़र आता ।
इसलिए, खादिम आप के हुक्म से हस्बे ज़रूरत ले लेता |
ये थी Khwaja Garib Nawaz Moinuddin Chishti Ki 6 Karamat E जो इस पोस्ट के जरिये आप तक पहुंचाया गया ख्वाजा साहब के करम से।