Hazrat Tajuddin Baba Aulia Shayari In Hindi: - tajpiya ki urs , chabbiswi aur baba taj birthday special shayari, sath hi whatsapp ke status par rakhn
Hazrat Tajuddin Baba Aulia Shayari 2024 In Hindi: - tajpiya ki urs , chabbiswi aur baba taj birthday special shayari, sath hi whatsapp ke status par rakhne layak or baba taj se mohabbat ka ijhar karne ke liye.
Hazrat Tajuddin Baba Aulia Shayari In Hindi: - ताज पिया की उर्स, छबिस्वी और बाबा ताज जन्मदिन विशेष शायरी, साथ ही व्हाट्सएप के स्टेटस पर रखना लेक वा बाबा ताज से मोहब्बत का इजहार करना के लिए।
Hazrat Tajuddin Baba Aulia Shayari In Hindi
#नागपुर की धरती पे चलना आसान नही यूं बोल उठी..!!
नूरानी तेरे दिल की धड़कन या #या ताजुद्दीन सरकार ..!!
मेरे #ताज,
जब से तुम दिल में बस गये लगा तुम्हीं पे ध्यान,
रज़ियल्लाहो अन्हो।
💓#तुजे_अली_के_घराने_का_🌷#फूल_केहते_है☺,
❤#या_ताजुद्दीन_तुझको_अता_ए_रसूल_केहते_है😊,
💕 #ताजुद्दीन☺#मेरा_ऐसा_❤#ताज _है 💞,
🌹#उँस_मुबारक_हो #ताज्जुद्दीन_ निजामुद्दीन #महबुबे_इलाही_ ❤
आह को चाहिये इक उमर असर होते तक कौन जीता है,
तेरी जुल्फ के सर होते तक।
हैं और भी दुनिया में सुहान-वर बहुत अच्छे कहते हैं
की 'गालिब' का है अंदाज-ए-बयान और।
हम को मामला है जन्नत की हकीकत लेकिन दिल को खुस रखने का ,
'गालिब' ये ख्याल अच्छा अच्छा है।
बड़ी दूर से चलते ऐ है ताज पिया की छब्बीसवी है,
मेरे दिल ने कहा नागपुर चल जहां रात दिन रहमत बरसी है।
या हफ्तेअक्लीम ,
मुझे रहने के लिए किसी आशियाने की जरूरत नहीं,
तेरा दर ही काफी है जिंदगी बिताने के लिए !!
🌹ख्वाजा बाबा ताजुद्दीन उर्स मुबारक🌹
नबी की आँख के तारे अली की जान है ताज ,
हुसैन इब्ने अली के मर्तबे की शान है ताज ।
मुझसे अगर पूछे कोई के तेरा वास्ता क्या है,
पकड़ के ताज्जुद्दीन सरकार की जालिया कह दूँगा।
मेरा इमान है ताज ।
होके मायूस तेरे दर से सवाली न गया,
झोलिया भर गई सबकी कोई खाली न गया..!!!
🌹 हक ताज या ताज 🌹 .
जहाँ माँगने से मिले उसे संसार कहते हे,
जहाँ बिन माँगे मिले उसे मेरे ताजुद्दीन सर्कार का दरबार कहते है,,
🍁 बाबा ताजुद्दीन उर्स मुबारक 🍁 .
दर पे दामन को फैलाने मे मुझे लाज नहीं ,
इक तेरे सिवा इस दिल पे किसी का राज नहीं ,
तेरे खूबसूरत गुम्बद के जैसा कोई ताज नहीं ,
जो तेरा है वो किसी हाल मे मौहताज नहीं ,
****** या बाबा ताजुद्दीन सरकार*******
🍁 बाबा ताजुद्दीन उर्स मुबारक 🍁.
अदब करो की शाहे बेनजीर आते हैं,
अली के लाडले पीराने पीर आते हैं,
खुला है आज दरे क़ादरी चलो मस्तो,
तुम्हे पिलाने को पीराने पीर आते हैं।
ईद ए कादरिया मुबारक़,
या गौस अल मदद,
🍁 बाबा ताजुद्दीन उर्स मुबारक 🍁
मेरी मुराद मेरा मुद्दुआ या ताज ,
मेरी उम्मीद मेरा आसरा या ताज,
🍁बाबा ताजुद्दीन उर्स मुबारक🍁.
आओ फकीरो ईश्क की सौगात माग लो ,
जो चैन से बसर हो वो दीन रात माग लो,
दरवाजा है खुला हुआ ताजुद्दीन सरकार का।
बाबा ताजुद्दीन से पंजतन पाक की खैरात माग लो.
बिगड़ा "नसीबा" भी "सवँर" जाता है ,
बंद "किस्मत" का ताला भी खुल जाता है।
दूर हो जाता है उस "जिंदगी" से हर "अंधेरा" ,
जो ताज पिया के दर पर जाता है।
बेतलब भीख यहाँ मिलती है आते जाते ,
यह वोह दर है जहाँ दिल नही तोड़े जाते।
बाबा ताजुद्दीन उर्स मुबारक।
या क्वाजा तुम्हारे रोजे पर ऐसे भी दीवाने आते हैं..
उर्स का बनाना होता है, तकदीर बना ने आते हैं..
ताजबाग शरीफ उर्स मुबारक।
क्वाजा-ए-हिंद वो दरबार है आला तेरा,
कभी महरूम नहीं मंगनेवाला तेरा..
बाबा ताजुद्दीन उर्स मुबारक।
या बाबा ताज ,
तू अहले सखी हे दुनिया को बता दूंगा।
हर मांगे वाले को मैं तेरा पता दूंगा।
बाबा ताजुद्दीन उर्स मुबारक।
मेरा बड़ा वक्त सांवर दो। मेरे ताजुद्दीन मुझे नवाज दो।
तेरी इक निगाह की बात है। मेरी जिंदगी का सवाल है!!!
बाबा ताजुद्दीन उर्स मुबारक।
जहाँ माँगने से मिले उसे संसार कहते है ,
जहाँ बिन माँगे मिले उसे मेरे ताज पिया का दरबार कहते हैं।
बाबा ताजुद्दीन उर्स मुबारक।
होके मायूस तेरे दर से सवाली न गया,
झोलिया भर गई सबकी कोई खाली न गया,
हक ताज या ताज।
याहा भीक मिलती है बे गुमा,
ये बड़े सखी का है आस्तान।
यह सब की भारती है झोलिया,
ये दार ए ताजुद्दीन दरबार है।
तेरे दूर पे हर बार झोली खाली लाते है,,
तू सुनता फरियाद सबकी कोई खाली हाथ नहीं जाते है।
या ताज पिया जी तुम सबकी दुआ कबूल करना,
जो दूर से दुआ में अपनी फरियाद के लिएँ हाथ उठाते है।
हर सिमत रहमतों की चादर सी तानी है ,
नागपुर बालियो की देखो महफिल सजी है।
हर चिश्ती के घर घर आज धूम मची है,
रहमत का है स्मा मेरे ताज की छब्बीसवी है।
तू भी उठा हाथ दुआ को तेरा क्या जाता है..
कोई रोटा हुआ दिल तेरी दुआ से फिर मुस्कान है।
जिंदगी सबका इम्तेहान लेती है में सफर है..
जिसके साथ दुआ है वही पार कर पाता है।
ये ताजुद्दीन सबकी झोली ख़ुशी से भर देना,
जो दुआ में हाथ ना उठे उनकी भी झोली
भर देना।,
तेरा करम तो सातो आसमान तक है।
जो तुझे ना जाने तो उनकी भी मुराद पूरी,
कर देना।
मुराद है दिल में के ताज के दर पर जो,
दुरुद ए पाक भेज कर ताज की दरगाह हो।
आंखे तरस गई है दीदार करने को ओ ताजपिया ,
इतनी इल्तेजा एच नचिज़ की आप की बरगाह में हो ।
ये महफ़िल और ये गुनाहगार,
इस खुशकिस्मती पे हूँ निसार।
कुर्बान जाऊँ मैं हज़ारो बार ,
ये दरे ताज दरबार है।
तेरी ज़ात आला मक़ाम है।
तेरी बारगाह में सलाम है।
यहाँ किस्मतों का फ़ैसला ,
बस एक इशारे का काम है।
मेरे ताजपिया तेरी निस्बत का असर काफी है.,
हम गुलाम-पे तेरी एक नज़र काफी है.!
मेरा ताजपिया आता ए रसूल है..
वो बहार इ चिश्त का फूल है..
वो बहार इ गुल्शन इ फ़ातिमा...
चमन ऐ अली का निहाल है!!!
जा कोई अमीर यहाँ ,
ना कोई गरीब हैं।
यहाँ तो बाबा सब ,
बस तेरे करीब हैं।
ना कोई ऊपर यहाँ ,
जा कोई नीच हैं।
महाँ तो ख्वाना सब कुछ ,
तेरे मेरे बीच हैं।
ना कोई छुत यहाँ ,
जा कोई अछूत है।
तेरे दर पर तो बाबा बस ,
हम सब तेरे सपूत हैं।
ये जगमगाता गुम्बद ,
और कुदसियों कि हाज़िरी।
जहाँ सर झुकाये हैं बादशाह ,
ये दरे ताज दरबार है।
बड़ी दूर से आया हूँ ताजपिया ,
तुम्हारी रहमतों का।
करिश्मा सुन के,
थोड़ी सी तकदीर।
मेरी भी रंग दो ,
भरूपने पैरों की धूल से..!