Shohar Par Aurat Ka Haq In Hindi, शौहर, मिया बीवी के हुक़ूक़ और नाफरमानी की सजा बीवी पर इन हिंदी , सोहर का मर्तबा, जब किसी के निकाह में 2 बीवियां हो औ
Aurat Ka Shohar Par Haq In Hindi : शौहर पर औरत के हक औरत के खास हकों में से उसके कुछ हक शौहर पर हैं | ये हक जो शौहर पर वाजिब है बिल्कुल वैसे ही औरत पर भी हैं।
जैसे की Aurat को चाहिए की अल्लह और उसके रसूल की नाफरमानी न करने के अलावा वह अपने Shohar की फरमाबदीरी करे,
उसके लिए खाना तैयार करे, उसका बिस्तर ठीक करे उसके बच्चों को दूध पिलाए, उनकी तरबीयत करे, उसके माल और इज्जत की निगरानी करे, अपने नफ्स की हिफाज़त करे, और उसके लिए सिंगार करे
Wajib Haq Aurat Ka Shohar Par In Hindi औरत का शोहर पर वाजिब हक़
यहाँ उन अधिकारों की बात की जा रही है, जो Shohar Par Wajib है, क्यों कि
अल्लाह तआला ने फरमाया है: यानी, “और औरतों के भी वैसे ही हक हैं जैसे उन पर मर्दों के हैं अच्छाइयों के साथ। हम इन अधिकारों को इस लिए बता रहे हैं
ताकि एक मोमिन Mahila बिना शर्म व हया और डर व खौफ के उनका मुतालबा करे और शौहर पर वाजिब है
कि अपनी बीवी के अधिकारों को मानें, फिर चाहे Wife कुछ अधिकारों को माफ कर दें। इस तरह एक बीवी को जो हक हासिल है उन में से कछ इस तरह है।
चार दीनी सिख Aurat Ka Shohar Par Haq In Hindi
हैसियत में Aurat Ka Shohar Par Haq In Hindi
1. Pati अपनी हैसियत के अनुसार Mahila पर खर्च करेगा। इसमें कपड़े, खाना पीना, दवा और घर शामिल है।
इज्जत, जिस्म, जान, माल Aurat Ka Shohar Par Haq In Hindi
2. बीवी की इज्जत, जिस्म जान, माल और दीन की हिफाजत करेगा। क्यों कि मर्द उसका निगेहबान है और किसी भी चीज की निगेहबानी में उस चीज की हिफाजत और देख भाल भी शामिल होती है।
दीनी मसाईल Aurat Ka Shohar Par Haq In Hindi
3. उसे जरूरी दीनी मसाईल सिखाएं और अगर वो ऐसा नहीं कर सकता हो तो उसे दीनी मसाईल सीखने के लिए दीनी और इल्मी मजलिसों में शामिल होने की इजाजत दे ।
अच्छा माशरती मआमला Aurat Ka Shohar Par Haq In Hindi
4. उस के साथ अच्छा माशरती मआमला करे अल्लाह तआला ने फरमाया हैः
यानी, उन के साथ अच्छा माशरती मआमला करो “अच्छे मआशरती में ये भी है कि जिमा (संभोग) के दृष्टिकोण से उसके हक को दबाया न जाए, गाली गलौज और बेइज़्ज़त कर के उस पर अत्याचार न किया जाए,
और हुस्ने मआशरती में ये भी शामिल है कि अगर फितना का अन्देशा न हो तो उसे रिष्तेदार के यहां जाने दें।
उसे ऐसे काम न दिये जाएं जो उसकी ताकत के बाहर हो उससे अच्छी तरह बातचीत की जाए और बेहतर तरीके से पेश आया जाए।
इस वजह से अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया है “तुम में से सबसे बेहतर *व्यक्ति वह है जो अपने Aurat Baccho के लिए सबसे बेहतर हो |