youm e ashura यौमे आशूरा क्या है, किसे कहते हैं मतलब meaning, अहमियत, फजीलत Fazilat, बरकत, 12 निस्बत, 2021 date India pakistan bangladesh, ईद festival
Muharram Youm E Ashura यौमे आशूरा की बेशुमार फजीलत बरकत
Youm_E_Ashura |
यौमे आशूरा Youm E Ashura क्या हैं ?
Youm E Ashura Meaning In Hindi.
इस मुबारक माह में 10 मुहर्रमुल Muharram हराम को खुसूसी अहम्मिय्यत हासिल है , इसे यौमे आशूरा Youm E Ashura के नाम से जाना जाता है । 10 मुहर्रमुल Muharram हराम को आशूरा कहने की एक वज्ह येह भी है कि इस दिन अल्लाह पाक Allah Paak ने 10 अम्बियाए किराम को ए'ज़ाज़ो नवाज़ा |
मुहर्रम Muharram के पहले अशरे First Ashra की अज़मत
हज़रते सय्यिदुना अबू उस्मान नहदी फ़रमाते हैं : सहाबए किराम तीन अशरों ( 10 days ) की ता ' जीम किया करते थे :
( 1 ) रमज़ानुल मुबारक का आख़िरी अशरा
( 2 ) जुल हिज्जतिल हराम का पहला अशरा
( 3 ) मुहर्रमुल Muharram हराम का पहला अशरा ।
यौमे आशूरा Youm E Ashura ईद का दिन
Ashura Festival - Eid Ka Din.
येह दिन बनी इसराईल की ईद का दिन था । रिवायत है कि हज़रते सय्यिदुना मूसा कलीमुल्लाह आशूरा के दिन कत्तान के कपड़े पहनते और इस्मिद सुरमा लगाया करते थे ।
यौमे आशूरा Youm E Ashura की 12 मुबारक निस्बतें फ़ज़ीलत
यौमे आशूरा को अम्बियाए किराम से खुसूसी निस्बत Nisbat-Fazilat हासिल है :
Why is Ashura Important?
( 1 ) यौमे आशूरा को हज़रते सय्यिदुना मूसा कलीमुल्लाह की मदद की गई और फ़िरऔन और उस के पैरोकार ( Followers ) इस में हलाक हुए ।
( 2 ) हज़रते सय्यिदुना नूह नजिय्युल्लाह की कश्ती " जूदी पहाड़ " पर ठहरी ।
( 3 ) हज़रते सय्यिदुना यूनुस को मछली के पेट से नजात मिली ।
( 4 ) हज़रते सय्यिदुना आदम सफ़िय्युल्लाह की क़बूलिय्यते तौबा का दिन है ।
( 5 ) हज़रते सय्यिदुना यूसुफ़ एं से निकाले गए ।
( 6 ) इसी दिन हज़रते सय्यिदुना ईसा रूहुल्लाह की विलादत हुई और इसी दिन आप को आस्मान पर उठाया गया ।
( 7 ) आशूरा के दिन ही हज़रते सय्यिदुना दावूद की तौबा क़बूल हुई ।
( 8 ) हज़रते सय्यिदुना इब्राहीम खलीलुल्लाह की इसी दिन विलादत हुई ।
( 9 ) हज़रते सय्यिदुना या'कूब की बीनाई की कमजोरी इसी दिन दूर हुई ।
( 10 ) हज़रते सय्यिदुना इदरीस को आस्मान पर उठाया गया ।
( 11 ) इसी रोज़ अल्लाह पाक Allah Paak ने हज़रते सय्यिदुना अय्यूब की आजमाइश दूर फ़रमाई ।
( 12 ) यौमे आशूरा Youm E Ashura को ही हज़रते सय्यिदुना सुलैमान को बादशाहत अता हुई ।
खैराते आशूरा Ashura की बरकात
Youm E Ashura Ki Barkat
आशूरा ( या'नी दस मुहर्रमुल Muharram हराम ) के रोज़ मुल्के " रै " में काजी के पास एक फ़कीर ( Poor ) आ कर अर्ज गुज़ार हुवा : मैं एक बहुत गरीब और इयाल दार आदमी हूं आप को यौमे आशूरा Youm E Ashura का वासिता !
मेरे लिये दस किलो आटा , पांच किलो गोश्त और दो दिरहम का इन्तिज़ाम फ़रमा दीजिये । काज़ी ( Judge ) ने जोहर के बाद आने का कहा । जब फ़कीर वक्ते मुकर्ररा पर आया तो अस्र में बुलाया । वोह अस्र के बाद पहुंचा फिर भी कुछ न दिया खाली हाथ ही भेज दिया ।
फ़कीर का दिल टूट गया । वोह रन्जीदा रन्जीदा एक गैर मुस्लिम के पास पहुंचा और उस से कहा : आज के मुक़द्दस दिन के सदके मुझे कुछ दे दो ।
उस ने पूछा : आज कौन सा दिन है ?
तो फ़कीर ने आशूरा के कुछ फ़ज़ाइल बयान किये ।
जिसे सुन कर उस ने कहा : आप ने बहुत ही अजमत वाले दिन का वासिता दिया , अपनी ज़रूरत बयान कीजिये । फ़कीर ने उस से भी वोही ज़रूरत बयान कर दी ।
उस आदमी ने दस बोरी गन्दुम , सो किलो गोश्त और बीस दिरहम पेश करते हुए कहा : येह आप के अहलो इयाल के लिये ज़िन्दगी भर हर माह इस दिन की फजीलतो अज़मत के वासिते मुकर्रर है ।
रात को क़ाज़ी साहिब ने ख्वाब देखा कि कोई कह रहा है नज़र उठा कर देख ! जब नज़र उठाई तो दो आलीशान महल ( Palaces ) नज़र आए , एक चांदी और सोने की ईंटों ( Bricks ) का और दूसरा सुर्ख याकूत का था ।
काज़ी ने पूछा : येह दोनों महल किस के हैं ?
जवाब मिला : अगर तुम साइल की ज़रूरत पूरी कर देते तो येह तुम्हें मिलते मगर चूंकि तुम ने उसे ( खाली हाथ ) लौटा दिया था इस लिये अब येह दोनों महल फुलां गैर मुस्लिम के लिये हैं । काजी साहिब बेदार हुए तो बहुत परेशान थे । सुब्ह हुई तो गैर मुस्लिम के पास गए और उस से पूछा :
कल तुम ने कौन सी “ नेकी " की है ?
उस ने पूछा : आप को कैसे इल्म हुवा ?
क़ाज़ी साहिब ने अपना ख्वाब सुनाया और पेशकश की , कि मुझ से एक लाख दिरहम ले लो और कल की " नेकी " मुझे बेच दो ।
उस गैर मुस्लिम ने कहा : मैं रूए ज़मीन की सारी दौलत ले कर भी उसे फ़रोख्त नहीं करूंगा , अल्लाह पाक Allah Paak की यौमे आशूरा Youm E Ashura रहमतो इनायत बहुत खूब है । येह कहने के बाद वोह 6 साल के कलिमा पढ़ कर मुसल्मान हो गया ।
यौमे अशुरा 2021 Date इंडिया, पाकिस्तान, बांग्लादेश
( India, Pakistan, Bangladesh)
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